जल संस्थान – छमा बडन को, छोटन को उत्पात ? -छोटे बकायेदारों का कर रहा उत्पीड़न, बड़ो से नहीं जुटा पा रहा हिम्मत

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विकासनगर। जलसंस्थान छोटे बकाएदारों को तो बकाया बिल का भुगतान करने के लिए 1 सप्ताह का समय देने को भी तैयार नहीं है लेकिन बड़े बकाएदारों से बकाया वसूलने की वह हिम्मत नहीं जुटा पा रहा, जिस कारण जलसंस्थान का कई विभागों पर लाखों रुपये का बकाया बना हुआ है।

गिरीश गैरोला

2000 रुपये तक के छोटे बकाएदारों का जलसंस्थान द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है।    ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन ने उत्तराखंड जल संस्थान विकासनगर पर बड़े बकायेदारों पर कार्यवाही नहीं करने एवं दो रु 2000 के बकायेदारों को बकाया जमा करने के लिए 1 सप्ताह की भी मोहलत नहीं देने व उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।

एसोसिएशन के महासचिव भास्कर चुग ने आरोप लगाया कि एसोसिएशन के विकासनगर ब्लॉक अध्यक्ष सुशील कुक्की  के द्वारा उक्त विभाग से आरटीआई के तहत प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार ये खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा रु100000 से अधिक की धनराशि बकाया है के विरुद्ध वसूली के लिए कोई ठोस कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है इसके अतिरिक्त सरकारी विभागों- खंड विकास अधिकारी विकासनगर,  राजकीय सुभाष सुभाष चिकित्सालय, विकासनगर पर एवं जीएमवीएन प्रबंधक पर 1753950 रूपया जल संस्थान का बकाया है भास्कर चुग ने कहा कि उक्त 4000000 रुपए के बड़े बकायेदारों के अलावा 166 उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर जल संस्थान का रु 20000 से रु100000 के बीच की धनराशि प्रत्येक पर बकाया है

विभागीय अधिकारियों द्वारा साठगांठ करके बड़े बकायेदारों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है मगर जिन पर छोटी छोटी रकम बकाया होती है,  उसे परेशान किया जाता है उन्होंने कहा कि जल संस्थान का कुल 3 करोड रु1795010 उपभोक्ताओं की और बाकी है जिसमें आधी रकम के देनदार बड़े बकायेदारों से वसूली के लिए कोई ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है। 

सुशील कुक्की कि आरटीआई से हुए इन बड़े खुलासों की शिकायत एसोसिएशन उच्च अधिकारियों से करेगी क्योंकि इन बड़े बकायेदारों से वसूली नहीं किए जाने का बोझ आम उपभोक्ता पर पड़ रहा है और जल सेजल मूल्य में लगातार गरीबों पर पड़ रही है वसूली ना होने के जिम्मेदार कार्यवाही की मांग एसोसिएशन ने सरकार से की है।

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