ये लड़की मुस्करा तू जोर से

Share Now

 

ऐ लड़की मुस्कुरा तू जोर से हंस खिलखिला लड़की
फुल्देयी के अंतर्गत हुआ बाल कवी सम्मलेन

ऐ लड़की मुस्कुरा तू जोर से हंस खिलखिला लड़की लोकेश नवानी की लिखी कविता को बाल कवी साहिल ने जब सुर में गाया तो उपस्थित बच्चे और श्रोता झूम उठे.फुल्देयी के अंतर्गत
आयोजित बाल कवी सम्मलेन में छात्रों ने देश के प्रसिद्ध कवियों की कविताएं सुनाई. शासकीय स्कूलों के छात्रों के लिए आयोजित बाल कवी सम्मलेन का आयोजन सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में किया गया


राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय गलज्वाड़ी के राजन ने मैथली शरण गुप्त की मां कहे एक कहानी सुनाई. छात्र राहुल सिंह ने अयोध्या सिंह उपाध्याय की प्रिय प्रवास सुनाई. यु पी एस कोटड़ा संतौर की अंजली ने लहरों से डरकर नौका पार नही होती सुनाई. यु पी एस कीमाड़ी की आस्था पुण्डीर ने माखन लाल चतुर्वेदी की चाह नही में सुरबाला का गायन किया


यु पी एस जोहड़ी की तपस्या ने सुभद्रा कुमारी चैहान की वह तो झाँसी वाली रानी थी. जी पी एस गलज्वाड़ी की तनीषा थापा ने हटकर बैठा चाँद एक दिन.
तो जी पी एस रिखोली की श्रुति पुण्डीर ने चाँद का कुर्ता
जी पी एस पौंधा- काजल ने थाल सजा कर किसे पूजने.
मुख्या अतिथि सीमा जौनसारी निदेशक शोध एवं अकादमिक शिक्षा विभाग ने बताया की शिक्षा में छात्रों की अभिरुचि को विकसित करना आज प्राथमिकता में है जिसके अंतर्गत हप्पिनेस इंडेक्स को शिक्षा में जोड़ते हुए एक पीरियड इसके लिए दिए जाने का प्रस्ताव है जिससे आज के बच्चे एक ख़ुशी के वातावरण में अपनी शिक्षा ग्रहन कर सके


जिला शिक्षा अधिकारी आशा पैनुली ने बताया की बच्चों में जो साहित्य पढने लिखने की प्रवृत्ति खत्म हो रही है ऐसे सम्मलेन उनकी रचनात्मक को अवसर देते हैं और प्रोत्साहित करते हैं
अतिथियों का स्वागत एकांश की अध्यक्ष कल्पना बहुगुणा ने किया सम्मलेन का सञ्चालन साहित्य एकांश की सचिव मंजू कला ने किया
आयोजन का परिचय देते हुए साहित्य एकांश के अध्यक्ष राजिव पांथरी ने कहा की एकांश छात्रों के साथ ऐसे प्रयोग गत वर्ष से कर रहा है जिसके अंतर्गत उन सब की कक्षाओं में श्रेष्ठ साहित्य दिया जात है और बच्चे उनसे साम्कलें साहित्य की समझ पैदा होति है फुल्देयी के महीने मैं बच्चों का रचनात्मक प्रतिभाग कार्यक्रम चल रहा है जिसमे थिएटर लेखन पैत्निग के कार्यक्रम प्रदेश के 200 शासकीय स्कूलों में आयोजित किये जा रहे हैं
इस अवसर पर लोकगंगा के संस्थापक योगेश चन्द्र बहुगुणा बिरेश तोताराम ढौंडियाल प्रभाकर देवरानी मनीषा ममगाईं अनीता नौटियाल ज्योति जोशी पूनम भटनागर अर्चना नौटियाल तन्मय ममगाईं साकेत रावत सुदीप जुगलान खेमकरण छेत्री काँटा ढौंडियाल नीलम प्रभा वर्मा लक्ष्मी रावत साहित्या चंदोला नवनीत बिष्ट रविन्द्र नेगी किशन सिंह पूनम नैथानी अतुल शर्मा विनोद कुमार श्रुती पुण्डीर काजल वर्मा उपस्थित थे।

बिरेश कुमार
सयुंक्त सचिव धाद

error: Content is protected !!