23 जून से 25 जून 2020 को डब्लु डब्लु एफ इंडिया ने नदियो के लिये जीवन कार्यक्रम के अंतर्गत सिंचाई विभाग, जल उप्भोक्ता समितियो की टीम के साथ मिल कर वाक थ्रू सर्वे कार्य किया, जो कि तीन रजवाहो मे किया गया है.
अंकित तिवारी
आज जाटउ रजवाहा के हेड् से सर्वे कार्य की सुरुआत की गयी और टेल तक सभी सदस्य लोग पैदल चल कर नहर मे की जा रही गतिविधियो को नोट किया अंत मे तिकुतिया गाव मे जा कर देखा की टेल के आखिरी हिस्से का मिलान एक ड्रेन मे मिल रहा है. इस कार्य का उद्देश्य जल उप भोक्ता समितियो के पदाधिकारियो को प्रषिछित करना है और अल्पिका एवम रजवाहा की समुचित तरीके से देखभाल की जा सके जिससे सिंचाई की जरुरतके समय सभी किसानो को पानी मिल सके और नहर का रख रखाव भी ठीक तरह से हो सके.
इस प्रकार तिनो रज्वाहो के वाक थ्रू सर्वे कार्य पूर्ण किया जिस्मे जल उप्भोक्ता समितियो के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सिंचाई विभाग से पदाधिकारि और सींच पाल राज कुमार, प्रदीप, सोनू, जुगेंद्र, मोहर, नाथूराम और डब्लु डब्लु एफ इंडिया की टीम के राजेश और हिमांशु उपस्तिथि थे.
ऐसे किया जाता है काम
इसके लिए संयुक्त टीम तैयार की जाती है फिर साथ मे पैदल चल कर नहर के किनारे किनारे देखते हुए की कौन सी जगह कार्य किया जाना चाहिए। इसमे मुख्य रूप से ग्रामीण सहभागिता को बधावा देते हुए, चुने हुए पदाधिकारीयो को प्रशिक्षण देते हुए कार्य को किया जाना।
लोगो को प्रशिक्षित किया कि किस तरह अपनी नहर की देखभाल की जाय और कैसे सरकार की योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर उपयोग किया जाय
क्या है मकसद?
जल उपभोक्ता समितियां बनाकर लोगो को अधिकार दिए गए है और इन समितियों के माध्यम से मरम्मत कराई जाएगी।जिसके लिए पैसे भी इन समितियों को दिया जाएगा और सिंचाई विभाग के तकनीकी अधिकारी इनको गाइड करेंगे। पहले नहर की सफाई कराने के लिए सिंचाई विभाग पर निर्भर रहना पड़ता था अब स्वयं निर्णय लेकर कार्य कर सकेंगे।
ये है उद्द्देश्य
डब्लू डब्लू एफ इंडिया पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत है। जिसका उद्देश्य स्थानीय लोगो और सरकार के साथ मिलकर संरक्ष्ण के कार्यो को आगे बढ़ाया जाय।
बचे हुए पानी का होगाा सदुपयोग
नहर से किसानों द्वारा सिंचाई करने के बाद बचे हुए पानी द्वारा नदियों को पुनर्जीवन देने के लिए डब्लू डब्लू एफ इंडिया, सिंचाई विभाग और किसानों द्वारा संयुक्त पहल।
किसानों को सिंचाई की उन्नत प्रणालियों में सिछित किया जाएगा जिससे नहर से सिंचाई के लिए समुचित पानी का उपयोग किया जाएगा और शेष बचे हुए पानी को पास से गुजरने वाली नदियों में या तालाबो में जाने के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। जिससे कि नदी के प्रवाह में बढ़ोत्तरी और भूमि में जल संरक्षण हो सके।
जमीनी सर्वे और रिसर्च
क्योंकि सिंचाई के लिए नहरे नदियों से निकलती हैं और नहरो से सिंचाई लेने के बाद टेल की सतह (आखिरी सतह) पर पहुचने वाले पानी के लिए कोई समुचित व्यवस्था न होने के कारण यह पानी वहा पर जल भराव की स्तिथि पैदा कर देती है जिससे फसलो का भी नुकसान होता है। अतः संस्था डब्लू डब्लू एफ ने सिंचाई विभाग के साथ मिलकर इस पानी के द्वारा नदियों के प्रवाह को बढ़ाने की कोशिश की है। वर्तमान में जिला बिजनोर में करूला नदी के प्रवाह को इसी तरह के प्रयासों से बढ़ाया जा सका है।