उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद की ब्रांडिंग और मार्केटिंग की जायेगी

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देहरादून। प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा स्थित सभा कक्ष में चार-धाम मार्ग पर राज्य जैविक उत्पाद विपणन के विकास हेतु समीक्षा बैठक ली। उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद की ब्रांडिंग और मार्केटिंग की जायेगी। परम्परागत उत्तराखण्ड कृषि उत्पाद विकास योजना को बढ़ावा देने के लिए एवं कृषकों को विपणन सुविधा देने के लिए योजना बनाई जा रही है। इसके अन्तर्गत परम्परागत बांस अथवा टीक इत्यादि आधारित हट को आकर्षक रूप में बनाकर उत्तराखण्ड जैविक उत्पादों को आउटलेट के रूप में रखा जायेगा।
15 करोड़ बजट के अन्तर्गत लगभग 1300 आउटलेट
सम्पूर्ण राज्य के प्रमुख केन्द्रों पर स्थापित किया जायेगा। पर्यटन हब, चार-धाम यात्रा मार्ग पर बड़ा आउटलेट और अन्य स्थलों पर छोटा आउटलेट बनाया जायेगा। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर आकर्षक रूप में आउटलेट बनाया जायेगा। चार-धाम विकास परियोजना के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग से इसके लिए भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गयी थी, पूर्व अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग स्तर पर एक बैठक भी की जा चुकी है।
रिसर्च सेन्टर के रूप में सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना चैबटिया में की जायेगी। सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस में लैब, उपकरण और शोध कार्य होंगे। आर्गेनिक फार्मिंग के लिए नरेन्द्र नगर में सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है। विभागीय संरचना को अधिक उपयोगी बनाने के लिए पी.डी.ओ. आलू विकास अधिकारी पद को एन.डी.ओ. नर्सरी विकास अधिकारी में मर्ज किया जायेगा तथा डी.एच.ओ. के अतिरिक्त सी.एच.ओ. पद बनाने पर भी चर्चा की गयी। इस अवसर पर सचिव उद्यान आर. मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक कृषि परमाराम, निदेशक हार्टिकल्चर संजय श्रीवास्तव, निदेशक कैप डाॅ० नृपेन्द्र चैहान, अपर निदेशक उद्यान डाॅ० आर.के. सिंह एवं डाॅ० जगदीश चन्द्र, उप सचिव उद्यान एवं रेशन जी.एस.उप्रेती और मुख्य कृषि अधिकारी टिहरी जी.पी. तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकार मौजूद थे।

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