चमोली – शिव की तीसरी आँख से भष्म हुए कामदेव को फिर से प्राप्त करने के लिए देवी रति ने किया था यहा पर कठोर तप – अभी भी उपेक्षित है ये धार्मिक स्थल

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आज भी उपेक्षित है जोशीमठ की उर्गम घाटी में कामदेव की पत्नी देवी रति की तपस्थली
जोशीमठ विकास खंड के देवग्राम ग्राम पंचायत में कल्पेश्वर महादेव के निकट कामदेव पत्नी रति की तपस्थली आज भी उपेक्षित है

देवी सती के यज्ञशाला मे भष्म हो जाने के बाद संसार को असुरो से सुरक्षा के लिए शिव पुत्र की कामना से भोलेनाथ की समाधि में पुष्प बाण चलाकर तपस्या भंग करने वाले कामदेव को भोलेनाथ ने भस्म कर दिया था तब देवी रति ने इसी स्थान पर बाबा भोलेनाथ की कठोर तपस्या की देवी रति की तपस्या से प्रसन होकर भोलेनाथ ने वरदान मांगने को कहा तो देवी रति ने पुनः अपने पति के जीवित होने का वरदान मांगा | कामदेव का शरीर भस्म होने के कारण भोलेनाथ ने देवी रति को इस स्थान पर वरदान दिया कि आज से सृष्टि संचालन के लिए कामदेव प्रत्येक प्राणियों के मन और आंखों में बसे रहेगे पंचम केदार के निकट रांता तोक में देवी रति की मूर्ति पर्वत के नीचे विराजमान है जो स्थान आज भी उपेक्षित है

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