चमोली: आपदा के 56 दिन बाद यथावत मिली काली माता की मूर्ति – ऋषि गंगा में उफान के बाद दब गया था मंदिर

Share Now

देवभूमि उत्तराखंड में दैवि अपदाओ के बाद भी लोगो के इश्वर में आस्था कम नहीं होती बल्कि और बढ़ जाती है | ऐसा ही एक मामला चमोली जिले के रैणी गाव में देखने को मिला जहा माँ काली मंदिर 7 फरवरी की आपदा में ध्वस्त हो गया था | फिर भी लोगो ने उम्मीद नहीं छोड़ी और 3 दर्जन ग्रामीणों ने मंदिर के आसपास खुद्याई करनी सुरु कर दी | लोगो के आश्चर्य का तब ठिकाना नहीं रहा जब आपदा के ५६ वे दिन माता काली कि भब्य मूर्ति अपने मूल स्थान पर यथावत मिली | अब लोग इसे माता का ही चमत्कार मान रहे है |

ऋषि गंगा घाटी के ग्रामीणों को 7 फरवरी के भीषण जल प्रलय से मिले  आपदा के  जख्मों से  आज 56वें दिन ऋषि गंगा घाटी के निवासियों  को शुकून  भरी खबर मिली है, दरअसल 7 फरवरी की हिम आपदा में  ऋषि गंगा में आये जल सैलाब की  आगोश में नीति घाटी की प्रसिद्ध माँ रेंणी की भगवती काली मंदिर भी समा गया था,

ऋषि गंगा घाटी रेंणी की आराध्या भगवती काली मां की मूर्ती अपने मूल स्थान पर मिलने से लाता, सुभाई, पेंग, मुरण्डा ,जग्गू जुवाग्वाड ,बनचुरा सहित पूरे 7गाँव के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है माता काली इन 7 गांवो की आराध्य देवी है| विगत 7 फरबरी को ऋषिगंगा में आये भीषण जल प्रलय में यह मंदिर पूरी तरह बह तबाह हो गया था, जिस तरह से यह मंदिर आपदा में बह गया था, लोगों को यहाँ पर प्रसिद्घ काली माता की मूर्ति मिलने की कम ही संभावना थी |  स्थानीय लोगो ने फिर भी मूर्ति को खोजने का प्रयास किया, और 25 से 30 ग्रामीण मन्दिर के आसपास खुदाई में जुट गए, ग्रामीणों को तब हैरत हुई जब मन्दिर की गर्भग्रह की खुदाई की गई वहाँ पर माता काली की मूर्ती यथावत रूप में मिली ,और लोग इसे माँ का चमत्कार मान रहे है, लोग आश्चर्य में है कि  इतनी भयानक आपदा के बीच कैसे काली माँ कि मूर्ति यथावत अपने स्थान पर मिली लोग इसे काली माता का चमत्कार मान रहे है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!