चमोली – गुप्तखाल – द सीक्रेट पास को पार करने वाला पहला भारतीय दल – सीमित साधन और खाने के साथ ट्रेक को किया पूर्ण |

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बद्रीनाथ – 3 ट्रेकरों ने चमोली का सबसे दुर्गम गुप्त खाल ट्रेक किया पूरा, हाड़ कंपकपाने वाली सर्दी के बीच अक्टूबर में गुप्तखाल पहुचने वाला पहला दल बना,

संजय कपरवान चमोली

उत्तराखंड का दुर्गम ट्रेक गुप्त खाल (5830 मीटर ) को तीन ट्रेकरो के दल द्वारा अक्टूबर महीने मे पूर्ण करने का गौरव प्राप्त हुआ है | गुप्तखाल को द सीक्रेट पास के नाम से जाना जाता हैं जो कि उत्तराखंड का अभी तक का सबसे दुर्गम और कठिन हाई माउंटेन पासों में एक हैं ,पहली बार इसे फ़्रेंक स्मिथ ने 1933 में सफलता पूर्वक पार किया था उसके बाद 77 साल बाद 2010 मे दिल्ली के दल ने इस पास को किया उसके बाद 9 साल बाद 2019 में बंगलोर के दल ने और अब 17 अक्टूबर 2020 को बिना गाइड की मदद के 3 युवाओं के इस दल के संयुक्त अभियान ने सफलता पूर्वक पुरा किया, इस तरह से इस पास को पुरा करने वाला यह तीसरा भारतीय दल ,और अक्तूबर माह में सफलता पूर्वक करने वाला यह पहला भारतीय दल बना,

अक्टूबर माह में गुप्त खाल बेस केम्प (5700 mtr) का तापमान – 25 डिग्री से भी नीचे गिर जाता हैं , और ऐसे मे यहाँ रात बिताना अपने आप में एक चुनौती हैं, गुप्तखाल की तस्वीरों में देख सकते हैं गुप्तखाल ट्रैक पर बर्फ की सिल्लीयां किस तरह से पसरी हुई है हर तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है 1 फीट या 2 फीट नहीं बल्कि यहां बर्फ की बड़ी-बड़ी सिलियाँ दिखाई दे रही है या यूं कहें गुप्तखाल ट्रैक पर 12 महीने सिर्फ बर्फ ही बर्फ पसरी रहती है ऐसे में यह ट्रैक जहां पर्यटकों के लिए रोमांचित होती है वही यहां जाना बहुत खतरनाक होता है ऐसे में 3 युवाओं द्वारा अक्टूबर में हाड़ कंपकंपा देने वाली सर्दी के बीच इस ट्रैक को पूरा करना एक चुनौती भरा था लेकिन दल ने अक्टूबर में इस ट्रैक को पूरा कर नया मुकाम कायम किया है हालांकि तस्वीरें हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करेंगी लेकिन इस ट्रैक को करने में मुश्किलें भी बहुत सारी होती है

अक्टूबर माह में यह दुर्गम ट्रेक और भी ख़तरनाक हो जाता हैं और बिना रोप के चढ़ना बहुत ही थ्रिल्लिंग था, इन लोगों ने कम साधन और सीमित खाने में इस ट्रेक को पुरा किया,

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