प्रवासियों के लिए प्रेरणाश्रोत बने बालक – चिन्यालीसौड़ के तुल्याडा गाँव में खोज निकाली मिटटी से सोना तैयार करने की मशीन

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Uttarkashi

देश भर में कोरोना की लहर आने के बाद बड़ी तादाद में प्रवासी महानगरो से अपने घर गाव को लौटने को विवास हुए है इनमे से कुछ ने यही स्वरोजगार को अपनाया और कुछ लोग अभी भी स्थिति सामान्य होने का इन्तजार कर रहे है | इनमे से चिन्यालीसौड़ तहसील के तुल्याडा गाव के निवासी बालक राम  नौटियाल कोरोना से पहले ही स्थिति को भांप कर अपने गाव लौट आये थे और कृषि, उद्यान , पशुपालन के साथ  मशरूम अलुवेरा के उत्पादन से जुड़ गए | चिन्यालीसौड़ तक पहुची टिहरी झील के विस्तार के बाद खाली  हुए गेलाड़ी गाव के खाली घरो में अलग अलग  प्रकार मशरूम तैयार हो रहे है और खाली खेतो  में एलुवेरा | बालक राम ने बताया कि मौसम के अनुसार 12 महीने अलग अलग  प्रकार के मशरूम तैयार कर साल भर कैश क्रॉप तैयार की  जा सकती है | बालक राम के पिताजी भी पहले से ही खेती बाड़ी और शब्जी उत्पादन से जुड़े है और कई बार उन्नतशील किसान के रूप में सम्मानित भी हो चुके है | बालक राम नौटियाल की  कहानी कोरोना के बाद बेरोजगार हुए युअको के लिए प्रेरणाश्रोत बन सकती है | आइये आपको लिए चलये है चिन्यालीसौड़ के तुल्याडा गाव में जहा स्वरोजगार से जुड़कर बालक राम  अपने परिवार के साथ संतुष्ट नजर आते है |

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