कोरोना इलाज में चर्चित आयुर्वेद को कोविड सम्मान राशि देने में भुला दिया ?

Share Now

कोविड सम्मान राशि देने में भुला दिया गया फ्रंटलाइन आयुष कोरोना वारियर्स का योगदान: डॉ० डी० सी० पसबोला

कोविड सम्मान प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान राशि देने में सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों एवं कार्मिकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, क्यूंकि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत द्वारा सिर्फ़ एलोपैथिक (स्वास्थ्य) विभाग के कार्मिकों के लिए ही कोविड सम्मान प्रशस्ति पत्र एवं कोविड सम्मान राशि रू० 11,000/- देनें की घोषणा की गयी है।

राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ, उत्तराखण्ड के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि कोरोना काल में प्रत्येक आयुष चिकित्सक एवं स्टाफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसी ने रोगियों को ओपीडी में देखा, किसी ने सैम्पल लिया, किसी ने दवाई दी, किसी ने कोरोना के खौफ से डरे लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने हेतु काउंसलिंग की, किसी ने चैक पोस्टों में रात दिन ड्यूटी कर बाहर से आने वाले यात्रियों का परीक्षण किया। किसी ने आईशोलेशन केंद्रों, होम आईशोलेशन में अपना योगदान दिया। फिर भी सरकार द्वारा कोविड सम्मान राशि देते समय फ्रंटलाइन आयुष चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के योगदान को भुला देना दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, साथ में उनके मनोबल को भी गिराने वाला कदम है। आयुष प्रदेश में सरकार के इस भेदभावपूर्ण निर्णय से समस्त आयुष चिकित्सकों एवं कर्मचारियों में आक्रोश एवं हताशा व्याप्त है।

डॉ० पसबोला द्वारा बताया गया कि इस सम्बन्ध में संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ० के० एस० नपलच्याल द्वारा निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं डॉ० वाई० एस० रावत को पत्र लिखकर आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को भी कोविड सम्मान पत्र एवं राशि प्रदान किए जाने की मांग की है। जिसकी प्रतियां आयुष सचिव, आयुष मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को भी भेजी गयी है।

प्रान्तीय होम्योपैथिक संघ द्वारा भी सरकार के इस पक्षपातपूर्ण निर्णय का विरोध किया गया है एवं शासन को पत्र लिखा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!