प्रतीकात्मक रूप में जारी रहेगा हरिद्वार कुंभ, पीएम की अपील के बाद अवधेशानंद गिरी ने की घोषणा

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हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत के बाद जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ निर्धारित अवधि से पहले खत्म नहीं होगा, लेकिन कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए संन्यासी अखाड़ों के संत प्रतीकात्मक स्नान करेंगे। उन्होंने कहा कि कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित होने लगी है। बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बीमार हरिद्वार आने से परहेज करें।
शनिवार को प्रेसवार्ता कर जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कुशल शासक और प्रशासक के अलावा उपासक भी हैं। फोन पर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने संतों के स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना और अखाड़ों की दिनचर्या पूछी। कोविड-19 के बढ़ते प्रसार के बीच अखाड़ों में पूजा, परंपराएं और आध्यात्मिक अनुष्ठान आदि की भी जानकारी ली। अवधेशानंद गिरि ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को हरिद्वार की मौजूदा परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि प्रमुख शाही स्नान सकुशल संपन्न हो गए। यह भी जानकारी दी गई कि कोरोना फैलने की वजह हरिद्वार महाकुंभ नहीं है। हरिद्वार में प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना की जांचें हुई हैं। कहा कि अधिकतर स्नान हो चुके हैं। केवल बैरागी अखाड़ों का एक स्नान बाकी है। इसमें शामिल होने वाले साधुओं की संख्या कम है। और वो भी इस बात पर विश्वास करते हैं कि स्नान में प्रतीकात्मक रूप से भाग लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ के आयोजन और अवधि को लेकर अवधेशानंद गिरी से बात की है। प्रधानमंत्री मोदी ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से फोन पर बात कर कुंभ मेला को समाप्त करने की अपील की है। पीएम ने ट्वीट में लिखा, मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।

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