पत्रकारों को बाहर कर बन्द कमरे में सुरु हुई जिला योजना की बैठक

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जिला योजना की बैठक में पत्रकारों को किया बाहर।

बन्द कमरे में प्रभारी मंत्री धन सिंह ले रहे जिला योजना उत्तरकाशी की बैठक।
वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में है केवल तीन महीने।
अभी तक निर्माण की विकास  योजनाओ पर नही बन सकी सहमति।
प्रभारी मंत्री की अप्रूवल के बाद स्वीकृत होंगी जिला योजना।
मीडिया से क्यों डरती है सरकार।
पारदर्शिता से क्या है जीरो टॉलरेंस की सरकार को डर।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी जिला योजना की विवादित बैठक सुरु होते ही मंत्री विधायको को गुलदस्ता देकर स्वागत करने तक ही मीडिया को कवर करने की इजाजत दी गयी। मंत्री और विधायकों के स्वागत सम्मान के बाद मीडिया को बाहर निकाल कर बंद कमरे में बैठक सुरु हुई।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि बैठक समाप्त होने के बाद वे पत्रकारों के सामने अपनी बात रखेंगे। पत्रकारों ने इस पर नाराजी जताते हुए अपनी बात रखी कि आखिर जनता भी जानना चाहती है कि विकास योजनाएं क्यों आकर नही ले पा रहीं है अगर बंद कमरे में बैठक कर  खबर का सरकारी पक्ष ही सामने लाया जाना है तो उसके लिए सूचना अधिकारी पहले से ही मौजूद है इसके लिए पत्रकारों को निमंत्रित नही किया जाना चाहिए था। दरअसल पंचायत राज अधिनियम के अनुरूप डीपीसी मेम्बर ही अंतिम रूप से ग्राम सभा से बीडीसी में और बीडीसी से जिला पंचायत तक पहुँची योजनाओ में से अंतिम रूप से चयन कर एप्रूवल देते है जिस पर अंतिम रूप से प्रभारी मंत्री के हस्ताक्षर होते है। किंतु वास्तव में ऐसा होता नही है। डीएम और विधायको का  योजनाओ में कोटा समाप्त करने की डीपीसी मेम्बर मांग कर रहे है। अब बंद कमरे में किन शर्तो पर आपसी सहमिति से किन योजनाओ को स्वीकृति मिल पाती है और कौन रद्दी में चली  जाती  है ये पता नही चल सकेगा हालांकि सरकारी बयान सूचना अधिकारी दे ही देंगे।
पूरी फिल्म को देखने के दौरान मंत्री जी ने रुकावट के लिए खेद है का बोर्ड टंगवा दिया।
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