पहाड़ के काश्तकारों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगीः कर्नल अजय कोठियाल

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देहरादून/उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के हर्षिल घाटी का सेब विदेशों तक अपनी खास पहचान रखता है। वहीं इस बार स्थानीय सेब काश्तकार वैश्विक महामारी व सरकार की उपेक्षा के चलते काफी परेशान है। इसी वजह से सेब काश्तकार 24 सितंबर से देहरादून में शुरू होने वाले अंतराष्ट्रीय सेब महोत्सव के विरोध में उतर आएं हैं। उनका कहना है यदि सरकार हर्षिल घाटी स्थित  झाला में कोल्ड स्टोरेज पर 22 सितंबर शाम तक नहीं निर्णय नहीं करती तो, इस बार अंतर्राष्ट्रीय सेब महोत्सव में स्थानीय सेब शामिल नहीं होगा।वहीं अब इस मामले में आप के मुख्यमंत्री प्रत्याशी कर्नल अजय कोठियाल सेब काश्तकारो के समर्थन में उतर गए हैं।सरकार द्वार सेब काश्तकारो की उपेक्षा के बाद कर्नल कोठियाल ने मीडिया को बयान जारी करते हुए कहा कि देश का किसान पहले ही परेशान है। उत्तराखंड में यदि पलायन कुछ हद तक रुका भी है तो इन काश्तकरों की वजह से। ऐसे में उनकी जरूरतों को अनदेखा करना सरकारी की गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है। कर्नल कोठियाल ने कहा कि हर्षिल का सेब देश से बाहर भी अपनी खास पहचान रखता है। यह हम सब के लिए गर्व की बात है। ऐसे होनहार सेब काश्तकारों  की अनदेखी सरकार को भारी पड़ सकती है। काश्तकार पहले से झाला स्थित सेब स्टोरेज को खोले जाने की मांग कर रहे हैं, जो 2017 में करीब 8 करोड़ की लागत से बना है। हजारों मिट्रिक टन सेब उत्पादन करने के बाद भी कोल्ड स्टोरेज का उपयोग न होना जनता और सेब काश्तकारों के साथ धोखा है, कोठियाल ने कहा कि यदि समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो आम आदमी पार्टी कोई बड़ा कदम उठा सकती है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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