प्रयागराज जिले के मेजा तहसील में गंगा नदी पर स्थायी पुल नहीं होने से लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है| हालात ये है कि गंगा का जल स्तर कम होने पर अक्टूबर नवम्बर के महीने में पंटून पुल के सहारे गंगा पार के जौनपुर, भदोही और वाराणसी की तरफ आवागमन होता है, किन्तु बरसात के समय जल स्तर बढ़ने पर पुल हटा दिया जाता है जिसके बाद काठ की नाव पर जुगाड़ का इंजन लगाकर हर रोज हजारो की तादाद में लोग गंगा पार करते है | इसी दौरान हादसे में कई परिवार अपनी जान भी गँवा चुके है | बीते दिनों मेजा विधायका नीलम करवरिया ने विधान सभा में इस पुल के मुद्दे को खूब जोर शोर से उठाया था जिसके बाद एक बार लोगो कि पुल निर्माण को लेकर आस जागने लगी है|
अंकित तिवारी प्रयाग राज
जनपद प्रयागराज मेजा पिछले लम्बे समय से गंगा घाट से पक्के पुल का निर्माण की बात की जा रही है इसके लिए बिभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता सामाजसेवी संगठन आंदोलन भी कर रहे है | रोज हजारों लोग सिरसा, मदरा, महेवा कला रैपुरा,वनउर पकरी,परवा, आदि गंगा घाटों में नाव द्वारा गंगा पार करते है और पार करके भदोही वाराणसी जौनपुर जैसे साहरों के लिए जाते है | नाव पार करने के दौरान कई बार बड़े हादसे के शिकार हो जाते है| 10 साल पहले एक नाव से जा रही पूरी बारात गंगा में डूब गई थी| सितम्बर 2017 में भी कई परिवार के लोग गंगा में डूब गए थे छेत्र के कई समाजसेवी अपने अपने तरीके से दलील देते है| इस गंगा घाट पर पक्का पुल बनना जरुरी है| इस मामले को 2017 अक्टूबर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडगरी से भी मुलाक़ात करके पुल बनवाने के लिए आग्रह किया था | कुछ दिन पहले अधिकारीयों द्वारा तन्देरिया गंगा घाट पर सर्वे भी कराया गया| बीते दिनों विधान सभा में मेजा विधायका नीलम करवरिया ने इस मामले को जोर दार तरीके से उठाया था | पर पुल बन पायेगा या नहीं ये अभी लोगो के जेहन में बड़ा सवाल है |