उत्तरकाशी के सेब, राजमा और ऊनी वस्त्र निर्यात करने की तैयारी शुरू

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उत्तरकाशी / जनपद उत्तरकाशी से हस्त शिल्प, एग्रीकल्चर उत्पादों तथा सेवा के क्षेत्र में निर्यात मे भागीदारी बढ़ाने के लिए जिला उधयोग विभाग ने कमर कसनी शुरू कर दी है. रविवार को जिला उधयोग केंद्र की बैठक में जिले मे प्रमुख रूप से उगाई जाने वाली राजमा, सेब और उनी वस्त्रों के निर्यात की संभावनाओं पर विशेष जोर दिया गया। बैठक मे मौजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने कहा की होटेल्स और पर्यटन के अन्य क्षेत्रों में भी विदेशी सैलानियों को आकर्षित करके विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सकती है। इससे जनपद को नई आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ने मे मदद मिलेगी.

रविवार को अमृत महोत्सव के अंतर्गत वाणिज्य एंवम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान मे जिला उद्योग केंद्र के द्वारा एक्पोर्टेर्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया l जिसमें जनपद उत्तरकाशी से हस्त शिल्प, एग्रीकल्चर उत्पादों तथा सेवा के क्षेत्र में निर्यात की सम्भावनाओं पर चर्चा की गई l तथा सम्बंधित होल्डर्स से सुझाव आमंत्रित किए गए । जनपद से अभी ऊनी वस्त्र ,राजमा, सेब को निर्यात के लिए प्रोत्साहित करने हेतु चिन्हित किया गया है । इसके अतिरिक्त जनपद में विभिन्न हस्त शिल्प उत्पादों जैसे काष्ठ कला एंवम रिँगाल से निर्मित उत्पादों को भी निर्यात स्तर तक ले जाने की पूर्ण सम्भावना है । होटेल्स और पर्यटन के अन्य क्षेत्रों में भी विदेशी सैलानियों को आकर्षित करके विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सकती है। इस मौके पर महा प्रबंधक उद्योग केन्द्र यू० के० तिवारी के द्वारा निर्यात से सम्बंधित विभिन्न आवश्यक जानकारियां एंवम निर्यातकों को मिलने वाले प्रोत्साहन के बारे मे विस्तार से बताया गया । होटेल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूडा, अन्य होटेल्स प्रतिनिधि, हस्तशिल्प निर्माण से सम्बंधित हस्त शिल्पियों एवम उद्यमियों के द्वारा भी अपने सुझाव प्रस्तुत किए गए । कॉन्क्लेव में विभिन्न प्रचलित हस्तशिल्प उत्पादों जेसे रिँगाल क्राफ्ट , काष्ठ कला , ऊन आधरित उत्पादों को प्रदर्शित भी किया गया ।

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