प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए अलग से विभाग बनाने पर मंथन – सीएम त्रिवेन्द्र

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देहरादून।  ’’मंथन’’ कार्यक्रम में मंत्रीगणों द्वारा अपने विभागीय कार्याकलापो, उपलब्धियों एवं भावी कार्ययोजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण के पश्चात् सभी विधायकों ने जनपदवार अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं एवं सुझावों पर अपनी बात रखी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ’’मंथन’’ कार्यक्रम में जो मुख्य बात सामने आयी है, उनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, वन भूमि हस्तांतरण, पेयजल, सड़क आदि से संबंधित प्रमुख रही है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर घोषणा की कि प्रदेश में अनाथालय में रहने वाली बच्चों की परवरिश हेतु ’’मुख्यमंत्री वात्सलय योजना’’ शुरू की जायेगी। वर्ष 2022 तक प्रत्येक ग्राम सभा को सड़क मार्ग से जोड़ा जायेगा। रिवर्स माईग्रेशन के दृष्टिगत, जो प्रवासी उत्तराखण्डवासी राज्य में निवेश एवं अन्य किसी प्रकार का सहयोग करना चाहते है, उनके लिये अलग से विभाग का गठन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री कहा कि आज हरेला पर्व राष्ट्रीय पर्व जैसा बन गया है, इस पर्व के अवसर पर पूरे प्रदेशभर में 16 जुलाई को एक ही दिन में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना नदी के उद्गम क्षेत्र में किए गए सघन वृक्षारोपण जैसे अभियानों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो हरेला पर्व के दिन अवकाश भी घोषित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हरिद्वार में देह त्यागने वाले साधुओं की समाधि के लिए एक माह के भीतर भूमि की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए अलग से विभाग बनाए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने हर ग्राम सभा को वर्ष 2022 तक रोड कनेक्टिविटी से जोड़ने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री के द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की प्रगति संतोषजनक रही है। अब तक 57 प्रतिशत घोषणायें पूर्ण हो चुकी है, हमारा लक्ष्य है कि सभी घोषणाओं को समय से पूर्ण कर लिया जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में 2045 डाक्टरों की तैनाती की जा चुकी है। 315 डाक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ कर दी जायेगी। किसानों की आय दोगुनी करने के लिये सिंचाई सुविधाओं के विकास एवं खेती को बढ़ावा देने के लिये प्रभावी प्रयास किये जा रहे है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिये आर्थिक संसाधनों के विकास, हर घर नल योजना के तहत पेयजल की उपलब्धता एवं वन भूमि हस्तांतरण की समस्या भी सामने आयी। इसके समाधान के लिये कार्ययोजना बनाने पर चर्चा हुई। पलायन रोकने के लिये रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में पहल की गई है। इसके लिये रूरल ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की जा रही है। अब तक 82 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये जा रहे है। इसके लिये 112 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। प्रदेश में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है।
मंथन कार्यक्रम में विधायकगणों द्वारा अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं एवं सुझावों के संबंध में विस्तृत विचार रखे गये। विधायक श्री बिशन सिंह चुफाल ने उन्होंने जनपद में मंडुवा, क्लस्टर, के बजाए मसाला क्लस्टर बनाये जाने, डीडीहाट लिफ्ट पेयजल योजना तथा सीराकोट किले हेतु रोप-वे बनाये जाने की बात कही।
विधायक श्री चन्दन राम दास ने टूरिस्ट रेस्ट हाउसों (टीआरएच) की दशा सुधारने तथा एससीएसटी योजनाओं में मात्राकरण बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने टी-टूरिज्म के अन्तर्गत स्थानीय फसलों को भी बढ़ावा देने के साथ बागेश्वर में जिला को-आपरेटिव बैंक खोलने की मांग रखी। विधायक श्री महेश नेगी ने दैवीय आपदा में भवनों के क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे के लिये आपदा मानकों पर सुधार में जरूरत बतायी। विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह जीना ने पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाईल मेडिकल वैन के संचालन तथा मनरेगा के तहत गांव में 10 लागों को रोजगार दिये जाने की बात कही। इससे ग्राम विकास एवं सुरक्षा के अनेक कार्य हो सकेंगे।
विधायक श्री संजीव आर्य ने वन पंचायत की बंजर भूमि को वनीकरण के लिये उपयोग में लाने तथा हरिनगर ग्रामों में बसे लोगों को भूमि का मालिकाना हक दिये जाने की बात कही। उन्होंने युवाओं के व्यापक हित में प्रदेश में युवा आयोग के गठन का सुझाव दिया।
विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा ने नानक सागर बांध में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा इसमें बोट संचालन पर ध्यान देने का सुझाव देते हुए सितारगंज चीनी मिल की समस्याओं के समाधान की मांग रखी। विधायक श्री पुष्कर सिंह धामी ने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये मंथन कार्यक्रम को उपयोगी बताते हुए अटल आयुष्मान योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था की बात कही। उन्होंने खटीमा में बाईपास बनाने पर भी बल दिया।
विधायक श्री राजेश शुक्ला ने नियमित रूप से इस प्रकार के आयोजन आयोजित किये जाने तथा मुख्य सचिव स्तर पर विधायकों के क्षेत्रों से संबंधित योजनाओं के अनुश्रवण की व्यवस्था किये जाने की बात कही। उन्होंने टीडीसी की व्यवस्था में सुधार की जरूरत बतायी। उन्होंने स्थानीय युवाओं को पर्यटन गाइड के रूप में प्रशिक्षण किये जाने तथा उद्योगों को अपने प्रदूषित जल के संशोधन हेतु एसटीपी लगाये जाने के निर्देश देने की जरूरत बतायी।
विधायक श्री हरभजन सिंह चीमा ने प्रत्येक तीन माह में इस प्रकार के आपसी संवाद की व्यवस्था किये जाने पर बल दिया। उन्होंने भू-उपयोग से संबंधित दरों को युक्ति संगत बनाये जाने पर भी बल दिया। विधायक श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मटर एवं लाई की फसलों को अभी तक मुआवजा की श्रेणी में नही रखा गया है। इसके लिये इन फसलों को भी नुकसान होने की दशा में मुआवजा देने का प्राविधान किया जाए। विधायक रूद्रप्रयाग श्री भरत सिंह चौधरी ने कहा कि प्रदेश को दूसरा सैनिक स्कूल प्राप्त हुआ है। उसके निर्माण के लिए शीघ्र कार्यवाही करने की मांग की। चिरबिटिया में नहर, पूर्वी बांगर में सियागाड़ नहर सहित जिला सहकारी बैंक की मांग की। विधायक चमोली श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने सड़क, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवास विकास आदि से संबंधित विषयों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण किया। विधायक श्रीमती मुन्नी देवी ने घेस और बलाण क्षेत्र में डॉक्टर और शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही। उन्होंने अपने क्षेत्र में लगाए जाने वाले हैंडपंपों कि संख्या को बढ़ाने का अनुरोध किया। उत्तरकाशी विधायक श्री गोपाल रावत ने उनके क्षेत्र में पुलों के निर्माण, त्रिलोक पुल व पॉलीटेक्निक के निर्माण की बात कही। विधायक यमुनोत्री ने सामुदायिक विकास केन्द्र (बारातघर), जानकीचट्टी में झील निर्माण, टिहरी झील का विस्तार चिन्यालीसौड़ तक के कार्यों में तेजी लाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया। उन्होंने विधायक निधि का पैसा चैक के माध्यम से करने हेतु आईएफएमएस सिस्टम में जोड़ने का भी अनुरोध किया। विधायक प्रताप नगर ने डोबरा चांटी क्षेत्र में मेले के आयोजन, जाखनिधार थौलधार में स्कूल की स्थापना, अस्पताल में एक्सरे मशीन हेतु रेडियोलॉजिस्ट की मांग की। विधायक श्रीमती ऋतु खंडूरी युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए योजनाओं की जानकारी एवं कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की। विधायक श्री दिलीप सिंह रावत ने सभी विद्यालयों में 8 वीं या 10 वीं कक्षा तक कृषि विषय को जोडने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम विकसित करने को भी कहा। अन्य विधायकगणों ने भी कार्यक्रम में अपने सुझाव दिए।

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