मुजफ्फरनगर में शहीद स्मारक पर उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में सीएम के श्रद्धासुमन

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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में शहीद स्मारक पर

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में शहीद स्मारक पर उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किये। राज्य निर्माण के लिए बलिदान देने वाले आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आन्दोलनकारियों के सपनों के उत्तराखण्ड की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। राज्य आन्दोलनकारियों के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।  

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम आज के दिन को अनेक रूपों में मनाते हैं। देश की आजादी के लिए अहिंसा और सत्याग्रह के के सिद्धान्त पर चलने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं जय जवान जय किसान का उद्घोष कर देश के सैन्य शक्ति को प्राथमिकता देने वाले और किसानों की मजबूती के लिए कार्य करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। उन्होंने जय किसान के उद्घोष से देश को खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के निर्णय लिया। उत्तराखण्ड एवं तत्कालीन उत्तर प्रदेश के इतिहास में आज के दिन को एक काले धब्बे के रूप में भी हम लोग देखते हैं। जिस तरह से रामपुर तिराहा में राज्य आन्दोलनकारियों पर आमानवीय अत्याचार हुआ, अनेक नौजवान शहीद हुए। यहां के स्थानीय लोगों ने इन नौजवानों के सम्मान और सुरक्षा के लिए जिस तरह योगदान दिया, उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बड़े संघर्ष के बाद बना। राज्य के निर्माण में सभी वर्गों के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने उत्त्राखण्ड राज्य का निर्माण करवाया। जब उत्तराखण्ड राज्य बना उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री वर्तमान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह थे। आज राज्य तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उत्तराखण्ड की प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, इन्फ्रास्टक्चर में तेजी से वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड सीमान्त प्रदेश है, जिसकी लगभग पौने छः सौ किलोमीटर की अन्तरराष्ट्रीय सीमाएं हैं। उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए श्री लालकृष्ण आडवानी जी ने भी उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग की थी। आज हम चीन की सीमा तक सड़क पहुंचा चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किये। 

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष/विधायक श्री वंशीधर भगत, विधायक श्री हरवंश कपूर, श्री प्रदीप बत्रा,  मुजफ्रनगर के विधायक श्री प्रमोद उडवाल, मेयर रूड़की श्री गौरव गोयल, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजेन्द्र अन्थवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किये। राज्य निर्माण के लिए बलिदान देने वाले आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आन्दोलनकारियों के सपनों के उत्तराखण्ड की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। राज्य आन्दोलनकारियों के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।  

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम आज के दिन को अनेक रूपों में मनाते हैं। देश की आजादी के लिए अहिंसा और सत्याग्रह के के सिद्धान्त पर चलने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं जय जवान जय किसान का उद्घोष कर देश के सैन्य शक्ति को प्राथमिकता देने वाले और किसानों की मजबूती के लिए कार्य करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। उन्होंने जय किसान के उद्घोष से देश को खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के निर्णय लिया। उत्तराखण्ड एवं तत्कालीन उत्तर प्रदेश के इतिहास में आज के दिन को एक काले धब्बे के रूप में भी हम लोग देखते हैं। जिस तरह से रामपुर तिराहा में राज्य आन्दोलनकारियों पर आमानवीय अत्याचार हुआ, अनेक नौजवान शहीद हुए। यहां के स्थानीय लोगों ने इन नौजवानों के सम्मान और सुरक्षा के लिए जिस तरह योगदान दिया, उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बड़े संघर्ष के बाद बना। राज्य के निर्माण में सभी वर्गों के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने उत्त्राखण्ड राज्य का निर्माण करवाया। जब उत्तराखण्ड राज्य बना उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री वर्तमान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह थे। आज राज्य तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उत्तराखण्ड की प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, इन्फ्रास्टक्चर में तेजी से वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड सीमान्त प्रदेश है, जिसकी लगभग पौने छः सौ किलोमीटर की अन्तरराष्ट्रीय सीमाएं हैं। उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए श्री लालकृष्ण आडवानी जी ने भी उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग की थी। आज हम चीन की सीमा तक सड़क पहुंचा चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किये। 

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष/विधायक श्री वंशीधर भगत, विधायक श्री हरवंश कपूर, श्री प्रदीप बत्रा,  मुजफ्रनगर के विधायक श्री प्रमोद उडवाल, मेयर रूड़की श्री गौरव गोयल, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजेन्द्र अन्थवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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