प्रमोद सिंह पँवार चिन्यालीसौड़
उत्तरकाशी जिले के दशगी मे 12 साल बाद होने वाले मौन मेले मे जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजलवान बतोर मुख्य अतिथि सामिल हुए |
टिहरी राजशाही के समय से चला आ रहा पारंपरिक मौन मेला उत्तरकाशी दशगी क्षेत्र की सस्कृति का परिचायक है मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में लोग ढोल दमाऊ और रणसिंघा के साथ दशगी गाड के किनारे पहुचें, वहां मेला अध्यक्ष धनबीर सिंह रावत ने विधि विधान से मेले की शुरुआत की | बाद मे टिमरू ,अखरोट छिछेला का पाउडर के साथ ही लोग मछली पकड़ने के लिए नदी में कूद पड़े और देर शाम तक मछली पकड़ने में व्यस्त रहें
दशगी , विष्ट, भण्डारस्यूँ , गोडर के लोगो ने मिलकर ऐतिहासिक मौण मेले में लोग मंगलवार सुबह 10:00 बजे से भीड़ उमड़ शुरू हो गए थी | परंपरा के मुताबिक टिमरू का पाउडर बनाकर मौन डालने की जिम्मेदारी समझी जाती है | ढोल दमाऊ और रणसिंघा के साथ पहुंचे 4 पट्टी के ग्रामीणो ने पहले गाड में पूजा अर्चना की और उसके बाद उन्होंने नदी में छलांग लगाई | मछली पकड़ने के लिए नदी में दशगी, विष्ट, गोडर और खाटल भण्डारस्यूँ क्षेत्र के लोगो ने आनंद लिया | मेले मे करीब 72 गाँव के लोग शामिल होते हैं टिमरू अखरोट की बाहरी छाल को सुखाने के बाद घराट मे पीसकर पाउडर बनाया जाता है| इस मेला मे मुख्य अतिथि रहे जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण बिजल्वाण नें दशगी पट्टी के इस पौराणिक मेले का जमकर आनंद उठाया | उन्होने पौराणिक सस्कृति के संरक्ष्ण के लिए मेला आयोजको को बधाई दी साथ ही अपने स्तर से इस मेले के लिए हर संभव मदद देने की बात काही