उत्तरकाशी –- पार्किंग से रामलीला मैदान की आजादी और उसमे हरी घास उगाने की चुनावी घोषणा नगर पालिका अध्यक्ष बड़ाहाट उत्तरकाशी के पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल के लिए प्रतिष्टा का प्रश्न बनकर रह गयी है | ऐसा नहीं है कि उन्होने इसके लिए प्रयास नहीं किया किन्तु रामलीला मैदान ने नगर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने का काम थाम रखा है, लिहाजा बिना कोई सर दर्द किए पुलिस और प्रशासन यहा यहा देशी विदेशी पर्यटको के वाहन पार्किंग करवा देते है | पार्किंग के साथ यहा ठेली – फड़ी और अन्य कच्ची दुकाने भी चलने लगती है |
विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत ने शबजी मंडी के सामने जियो ग्रिड दीवार के पीछे से लेकर लीसा डिपो तक बस अड्डा बनाने के लिए संबन्धित विभाग को 15 दिन मे डीपीआर बनाने के निर्देश दिये थे पर कार्यदई संस्था ने अभी तक कोई रिपोर्ट जिला प्रशासन को नहीं दी है | अध्यक्ष नगर पालिका रमेश सेमवाल ने पत्रकार वार्ता मे चिंता जताई कि अभी कोरोना के चलते यात्रा नहीं चल रही है और पूरा मैदान केवल लोकल गाड़ियो से ही भर चुका है ऐसे मे यात्रा काल मे जब 10 गुना अधिक ट्रैफिक सड़क पर गुजरेगा, तब कहा पार्किंग होगी? उन्होने सवाल उठाया कि वरुणावत त्रासदी से पूर्व रामलीला मैदान मे पार्किंग नहीं होती थीं, उस वक्त भी तो यात्री वाहन कही पार्क होते थे | उंन्होने राज्य सरकार पर वर्ष 2012 कि बाढ़ के बाद नदी के किनारे खाली पड़ी जमीन का दूरप्रयोग करने का आरोप लगाया| उन्होने बताया कि सुरक्षा दीवार निर्माण के बाद नदी के दोनों किनारो पर पार्किंग से शहर की बिगड़ती यातायात वयवस्था को फिर से पटरी पर लाया जा सकता था पर ऐसा कुछ नहीं हुआ | उन्होने कहा कि जिला अधिकारी उन्हे अनुमति दे तो पालिका नगर के अंदर छोटी छोटी पॉकेट पार्किंग का निर्माण करेगी | पालिका अध्यक्ष ने कहा कि रामलीला मैदान का उपयोग खेल के मैदान और सभाओ के लिए ही किया जाना चाहिए | मैदान मे हरी घास उगाने के लिए प्रयास के दौरान पिछले डीएम आशीष चौहान से उनका विवाद भी हो गया था | नए डीएम ने सुरू मे उन्हे सहयोग करने का भरोसा दिया था, पर अब वे भी पुरानी लीक पर चल कर, उन्हे झटका देने मे लगे है | अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना के चलते इस वर्ष जनवरी मे प्रस्तावित माघ मेला होने कि संभावना शून्य है,
लिहाजा वे जनवरी महीने मे रामलीला मैदान को चरो तरफ से बंद कर इसके अंदर हरी घास उगाने का कार्य सुरू कर करने जा रहे है , अगर प्रशासन ने सहयोग नहीं किया या रोकने की कोशिस की तो वे जनता के साथ ही धरने पर बैठने को मजबूर होंगे |
नगर मे कूड़े की व्यवस्था पर भी उन्होए राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया | उन्होने बताया कि कांसेण गाव के पास कूड़ा उपचार स्थल सिर्फ राज्य सरकार कि आधी – अधूरी तैयारी के कारण कोर्ट के विवाद की भेंट चढ़ा है | उन्होने कहा कि कोई भी स्थान जिला प्रशासन द्वारा नही दिये जाने के कारण तांबा खानी के पास कूड़ा डंप करने और उपचार करने की पालिका की मजबूरी है| जल्द ही इसे तिलोथ के पास स्वीकृत भूमि पर शिफ्ट किया जाएगा |