उत्तरकाशी – झूला पुल पर फड़ वालों से पर्ची काटने की चिंता – सफाई की नहीं?

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उत्तरकाशी को जोशीयाड़ा से जोड़ने वाले झूला पुल की दुर्दशा के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है ? गंगा पार सैकड़ो गाव को जिला मुख्यलाय से जोड़ने के लिए करोड़ो रु. खर्च करके जो झूला पुल बनाया गया – निर्माण के बाद इसकी साफ सफाई से नगर पालिका ने हाथ खड़े कर लिए है |

जोशी याड़ा के नगर पालिका मे सामिल होने से पूर्व ये पुल नगर और ग्रामीण क्षेत्र के बीच एक  बार्डर का काम करता था, तब माघ मेला या अन्य किसी खास मौके पर पुल के पास प्रकाश अथवा साफ सफाई के लिए जिला पंचायत से मिन्नते करनी पड़ती थी, किन्तु अब तो ऐसी कोई स्थिति नहीं है | बाजार सहित जोशीयाड़ा का ये इलाका नगर पालिका मे सामिल हो चुका है | गंगा के इस तरफ और उस तरफ दोनों ओर साफ सफाई नगर पालिका के कर्मचारी करते है पर झूला पुल आज भी नो मेंस लैंड की तरह मध्यस्थ खड़ा है| जिसकी उपयोगीय पर सभी लंबा भाषण तो पिलाते है पर इसकी देखभाल के लिए कोई साफ सफाई तक करने को तैयार नहीं है | पुल के आसपास अतिक्रमण करने वालों पर भी नगर पालिका की मेहरबानी दिखाई देती है | इसी बेरुखी के चलते कभी उम्र से पहले पुल साथ छोड़ दे तो अतिसायोक्ति नहीं |

जिला उधोग व्यापार मण्डल उत्तरकाशी के जिला अध्यक्ष सुभास बाडोनी ने बताया कि नगर पालिका को ठेली और फड़ वालों से नियमित पैसे लेकर पर्ची काटने की जितनी चिंता रहती है उतनी ही पुल की देखभाल ,साफ सफाई और अतिक्रमण मुक्त रखने की भी हो तो यही झूला पुल पर्यटको के लिए सेल्फी पॉइंट भी बन सकता है |

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