लॉकडाउन में काट ली चांदी, अब बाजार खुलने के बाद शराब कि दुकान में दिकह्यी दे रही सील |
शराब माफिया धन बल और शराब के रसूख पर प्रशासन के साथ जो तालमेल बना देते है उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है | चमोली जिले में लौक डाउन के दौरान शराब की दुकान में लगी सील से छेडछाड कर अवैध रूप से महँगी दरो पर शराब बेचीं गयी और अब जब दुकान खोलने का समय आया तो दुकान नहीं खुली और उसमे सील लगी दिखाई दी | पिछले दिनों पंचायत प्रतिनिधि ने शराब के अवैध कारोबार की खबर सोशल मीडिया पर डाली तो हडकंप मच गया था तब आबकारी विभाग से शराब की दुकान पर हेरा फेरी कि बात स्वीकारते हुए कार्यवाही की बात कही थी पर हुआ कुछ नहीं | अब प्रत्यक्ष प्रमाण भी देखने को मिल गया है तब भी प्रशासन की चुप्पी ये बताने के लिए पर्याप्त है कि पैसे के आगे तो भुत भी नाचते है तो पुलिस प्रशासन क्या ?
गिरीश चंदोला थराली

उत्तराखंड में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गयी है करीब एक माह तक अंग्रेजी शराब की दुकानों को बंद रखने के बाद सरकार ने 9 जून, 11 जून और 14 जून को अंग्रेजी शराब की दुकानों को खोलने के निर्देश दिए थे लेकिन पिण्डर घाटी की 4 दुकानों में से पहले दिन महज 2 ही दुकानों पर शराब की बिक्री हुई बाकी 2 शराब कि दुकाने आदेश मिलने के बाद भी बन्द ही रही, बाकायदा ग्वालदम और नारायणबगड़ स्थित इन अंग्रेजी शराब की दो दुकानों को सील ही रखा गया
मीडिया की टीम ने इन दो दुकानों के नहीं खुलने के पीछे की वजह जाननी चाही तो स्थानीय लोगो ने बताया कि इन दोनों दुकानों से लॉकडाउन के दौरान दुकान पर सील लगने के बावजूद भी शराब के स्टॉक के साथ छेड़छाड़ करते हुए महंगे दामो पर शराब की बिक्री की गई थी ।
ग्वालदम स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान में 10 मई को आबकारी विभाग द्वारा लगाई गई सील के साथ छेड़छाड़ करते हुए शराब व्यवसायी ने चाभी लगाने का तक जुगाड़ निकाल लिया था जिसके बाद स्टॉक से छेड़छाड़ करते हुए बाजार और ग्रामीण क्षेत्रो में इस शराब को अवैध रूप से महंगे दामो में बिक्री किया गया | स्थानीय लोग बताते हैं कि ग्वालदम और नारायणबगड़ की दुकानों से भारी मात्रा में शराब निकाल कर अवैध रूप से बेची गयी | लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि लॉकडाउन के दौरान इतनी भारी मात्रा में शराब अवैध रूप से बेची गयी और पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग को कानो कान भनक तक नही लगी कहा तो यही जा सकता है कि लॉकडाउन में शराब की दुकानों की सील के साथ छेड़छाड़ भी की गई और भारी मात्रा में शराब की 600 रुपये कीमत वाली बोतले 1200 तक बेची गयी | बावजूद इसके धर पकड़ में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी यही बताती है कि या तो मिलीभगत के जरिये शराब व्यवसायियों ने इस काम को अंजाम दिया या फिर पुलिस और आबकारी के सूत्र पूरी तरह विफल रहे
हालांकि दोनों दुकानों पर स्टॉक से छेड़छाड़ पर क्या कार्यवाही की जाएगी इस मामले में आबकारी विभाग कुछ भी ज्यादा कहने को तैयार नही है, लेकिन यहां अब भी एक बड़ा सवाल यही है कि आखिर आबकारी विभाग की देखरेख में दुकानों पर लगी सील कैसे तोड़ी गयी? क्या आबकारी विभाग दुकानों को सील करने के बाद चाभी अनुज्ञापि को सौंप देते हैं और अगर ऐसा है तो फिर सील करने का क्या मतलब और कार्यवाही के नाम पर अब भी आबकारी विभाग खामोश क्यों ?
वहीं सोशल मीडिया पर ग्वालदम दुकान की सील से छेड़छाड़ की पोस्ट डालने वाले थराली के ज्येष्ठ प्रमुख महावीर शाह की माने तो ग्वालदम स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान में लॉक डाउन से पहले शराब आयी थी और जांच के दौरान दुकान में महज 30 से 35 पेटी ही शराब पाई गई| ऐसे में ज्येष्ठ प्रमुख थराली महावीर शाह के अनुसार ग्वालदम स्थित दुकान से 100 से 150 पेटी से भी ऊपर स्टॉक में छेड़छाड़ हुई है जबकि आबकारी महकमा स्टॉक में केवल साढ़े पांच पेटी की छेड़छाड़ होने की दुहाई दे रहा है ऐसे में थराली विकासखण्ड के ज्येष्ठ प्रमुख महावीर शाह ने आबकारी विभाग और प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है अब देखना ये होगा कि खबर दिखाने के बाद आबकारी विभाग इन दुकानों पर क्या कार्यवाही करता है?