केदारनाथ धाम में भगवान भैरवनाथ मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं।
गौर तलब है की 29 अप्रैल को सुबह 6:10 पर केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गये थे और मान्यताओं व परम्पराओ के अनुसार केदारनाथ जी के कपाट खुलने के बाद जो भी पहला मंगल या शनिवार पडता है उस दिन भूकुंड भैरव के कपाट भी खोल दिये जाते है । शनिवार को भैरव मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही अब बाबा केदार की सायंकालीन पूजा और आरती भी शुरू हो गई है।
कृष्णा सेमवाल, चामोली
शनिवार को शुभ मुहूर्त में पुजारी शिव शंकर लिंग ने भैरवनाथ भगवान का अभिषेक किया। इस मौके पर आराध्य का आरती के साथ विशेष आह्वान किया। भगवान को शहद, घी और तेल से स्नान कराया गया। इसके उपरांत नया वस्त्र चढ़ाकर पुष्प, अक्षत से श्रृंगार कर भोग लगाया गया।
सभी धार्मिक परंपराओं को निर्वहन के उपरांत मंदिर के कपाट खोले गए। भैरवनाथ जी के कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ मंदिर में बाबा केदार की सायंकालीन पूजा व आरती भी शुरू हो गई है।कोरोना वायरस संक्रमण के चलते यात्रा पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया गया है पर उम्मीद जताई जा रही है की ग्रीन जोन मे आने के चलते आने वाले समय मे प्रदेश के ही ग्रीन जोन के श्रद्धालुओं को धाम आने की छूट मिल पायेगी और श्रद्धालु सायंकालीन आरती में शामिल हो सकेंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार भैरवनाथ को शिव का क्षेत्रपाल माना जाता है, इसलिए केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन को पहुंचने वाले भक्तों को भैरवनाथ के दर्शन भी करने होते हैं, तभी उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है।