संगीत को बनाया क्वारेंटीन के समय मनोरंजन का साधन ।
मनीष पंवार का कोरोना पर आधारित गीत स्कूलू माँ करयूं डेरु की सोशल मीडिया पर लोग र्कर रहे सराहना ।
देश घर में चल रहे लॉक डाउन के बाद अपने घर घरों को लौटे पहाड़ी उत्तराखंड यों को गांव के पास स्कूलों में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन कराया गया है ,इन 14 दिनों में खाली समय न बैठ कर गढ़वाल की समृद्धि संस्कृति को अपने गीतों के रूप में बयां कर अपने उस शौक को भी पूरा कर रहे हैं जो रोजी रोटी के चक्कर में पीछे छूट गया था, समय चक्र की नजाकत देखिए आज बेरोजगारी के दौर में वही गीत उन्हें फिर मशहूर किए जा रहा है, जिसे वे रोजगार के लिए पीछे छोड़ आये थे
जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड कल्जीखाल में रोजगार के लिए दिल्ली गुड़गांव व अन्य प्रदेशों से बाहर गए युवा लॉकडाउन के कारण अपने गांव लौटे है जिन्हें इण्टर कॉलेज साकिनखेत में क्वारेंटीन किया गया है ।
क्वारेंटीन के दौरान युवाओं ने संगीत को अपने मनोरंजन का साधन बनाया । साकिनखेत के युवा मनीष पंवार ने नरेन्द्र सिंह नेगी जी के गढ़वाली गीत छन्यू मा करियूं डेरु की तुकबंदी पर कोरोना पर आधारित गीत स्कूलू माँ करयूं डेरु घर गौ छुड्यू च सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसकी सभी लोग सराहना कर रहे है ।
भगवान सिंह
मनीष पंवार संगीत में पहले से ही रूचि रखते है लेकिन पारिवारिक स्थिति के कारण उन्हें रोजगार के लिए दिल्ली जाना पड़ा । उनके साथ तबले पर झटकंडी के सुधीर व युवा साथी ग्राम धौडा के प्रदीप नेगी व संजय बिष्ट सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए संगीत के साथ अपने क्वारेंटीन को यादगार बना रहे है ।
साथ ही युवाओं का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार हम युवाओं को अपने प्रदेश में ही रोजगार दिला सके तो हम लोग अपने पहाड़ में ही रोजगार करने को तैयार है ।