इंसान के अंदर हौंसला हो तो उसे मंजिल मिल ही जाती है कहते है कोशिस करने वालों कि कभी हार नहीं होती |
ठेले पर कचौड़ी बेचने वाला यह नौजवान बीएससी पास है, आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण एमबीए के प्रथन समेस्टर मे फेल हो गया | परिवार कि ज़िम्मेदारी थी, सो असफलता को सफलता मे बदलने का मोदी मंत्र आजमाया और कचौड़ी बेचना सुरू कर दिया | सत्यम के साथ तीन अन्य लोग भी इस काम मे उसके साथ है | काम सुरू किए अभी एक महिना ही हुआ है लोग कचौड़ी के स्वाद के साथ सत्यम के हौंसले कि भी जमकर तारीफ कर रहे है | सत्यम ने बताया कि पैसा कमाने के बाद वह एक बार फिर अपनी अधूरी पढ़ाई सुरू करेगा और एमबीए कि परीक्षा पूरी करेगा
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के एक युवक सत्यम मिश्रा ने आवास विकास कॉलोनी में ठेली पर एमबीए फेल कचौड़ी वाला लिख लिया है बीएससी पास सत्यम ने आर्थिक स्थिति ठीक न होने और परिवारिक ज़िम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरित होकर कचौड़ी बेचने का काम सुरू किया है.
फर्रुखाबाद जिले में ठेली पर एम बी ए फेल कचौड़ी वाला लिख रखा है और वह युवक बीएससी पास व एमबीए में प्रथम सेमेस्टर में आर्थिक तंगी के कारण फेल हो गया। सत्यम मिश्रा जो कि कायमगंज तहसील के ग्राम दीप नगरिया के निवासी हैं और 6 भाई बहन हैं उन्होंने बताया मेरी चार बहने जिनमें तीन बहनों की शादी हो चुकी है और एक भाई है और मेरे माता-पिता भी है। उसने बताया कि रोजगार बढ़ने व समय मिलने पर पर वह पुनः एमबीए करेगा और अपना यह काम बंद नहीं करेगा। उसने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर यह काम मैंने शुरू किया है।