“खाई, पगडंडी और आसमान – बटोली पहुंचा राहत का कारवां, डीएम ने संभाली कमान!”

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रातों-रात बना रास्ता, बटोली के दिलों में बसी उम्मीद

“आपको कहीं जाने की ज़रूरत नहीं… प्रशासन हरदम यहीं आपके साथ खड़ा है।” – जिलाधिकारी सविन बंसल


देहरादून, 10 जुलाई 2025।
बर्फ-बारिश, खाई और खतरनाक पगडंडियों को चीरते हुए डीएम सविन बंसल आखिरकार उस गांव तक पहुंच ही गए, जिसे लोग ‘अंतिम गांव’ कहकर पुकारते हैं – बटोली।

वो बटोली, जिसका रास्ता अतिवृष्टि ने खाई और मलबों में बदल दिया था। जहां महीनों में बनने वाला रास्ता प्रशासन ने एक ही रात में तैयार करा दिया।

और आज वहां के बुज़ुर्गों, महिलाओं, बच्चों की आंखों में डर के बजाय उम्मीद की चमक दिखी।


“आपदा में सबसे पहले पहुंचना हमारा फर्ज़ है”

आपदा, कोई मुसीबत या अनहोनी – इसे सबसे पहले न्यून करना हमारा ही दायित्व है। प्रशासन इसके लिए प्रतिबद्ध है।
डीएम सविन बंसल

डीएम ने गांव में जैसे ही कदम रखा, लोग दौड़े आए। कोई दबी आवाज़ में दुख कह रहा था, कोई आंसू पोंछते हुए उम्मीद जताता।

मौके पर ही डीएम ने 3.84 लाख का एडवांस चैक 96 परिवारों को सौंपा। ताकि तीन महीनों तक लोग सुरक्षित स्थानों पर किराये पर रह सकें।

हर परिवार को 4-4 हज़ार रुपये महीना।

गांव के शेरू खाला के उस खाईयुक्त टीले पर, जिसे सबने नामुमकिन माना था, वहां अब रास्ता तैयार है। और हेलीपेड भी 15 दिन में तैयार हो जाएगा।


गर्भवती महिलाओं के लिए खास इंतजाम

गर्भवती माताओं और नवजात बच्चों के लिए एएनएम की नियमित विजिट तय की गई।

किसी को भी इलाज के लिए भटकने नहीं देंगे। मेडिकल इमरजेंसी की तात्कालिक व्यवस्था की जा रही है।” – डीएम बंसल


हर घर में रौशनी, हर गली में राहत

गांववालों की मांग पर 20 सोलर लाइट्स की डीएम ने तुरंत मंजूरी दी।

झूला पुल, वैकल्पिक सड़क, कोटी-बटोली रोड पर लोनि विभाग को सर्वे और सुधार के निर्देश।

3.98 लाख रुपये मौके पर ही लोनि विभाग को तात्कालिक मरम्मत के लिए दिए गए।


“बटोली वालों… अब आप अकेले नहीं हैं!”

लोगों की भीगी आंखें कह रही थीं –

“हमें लगा था कि सरकार सिर्फ कागजों पर होती है… पर आज डीएम खुद हमारे गांव में खड़े हैं। ये देखकर दिल को सुकून मिला।” — कमला देवी, बटोली गांव


एक गांव… जो कभी कट गया था दुनिया से, आज फिर उम्मीद के धागों से जुड़ रहा है।

क्योंकि मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी हों… इंसानियत की डगर कभी बंद नहीं होती।


क्या आप मानते हैं कि आपदा में प्रशासन का ऐसा तत्काल रिस्पॉन्स लोगों की जिंदगी बदल सकता है? नीचे कमेंट में बताएं अपनी राय!

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