देहरादून। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर है । हरक सिंह के पास वन एवं पर्यावरण, श्रम एवं आयुष मंत्रालय है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश मंत्रिमडंल की बैठक के दौरान कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव लटकाए जाने पर विवाद गहराया। हरक सिंह रावत इस कदर नाराज हुए कि बैठक बीच में छोड़कर चले गए। इसके बाद भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के इस्तीफे की भी चर्चाएं गरमा उठी।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आने से हरक सिंह रावत का पारा चढ़ गया। मेडिकल कॉलेज को लेकर वह अपनी नाराजगी पिछली कैबिनेट बैठक में भी जता चुके हैं। तब उन्हें आश्वस्त किया गया था कि आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। शुक्रवार को कैबिनेट में प्रस्ताव लाए जाने की उनकी उम्मीद एक बार फिर टूट गई। इससे उन्होंने बैठक में ही अपनी नाराजगी जाहिर की और इस्तीफे की धमकी देकर चले गए। हालांकि बताया ये जा रहा है कि देर रात सीएम से बातचीत के बाद उन्हे मना लिया गया है और काऊ भी मान गए है , बताते चले कि काऊ हरक सिंह के करीब माने जाते है |
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत उन विधायकों में शामिल हैं, जो मार्च 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। हालांकि, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनका विभिन्न मामलों में छत्तीस का आंकड़ा रहा। उत्तराखंड भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर उनकी और तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के बीच तनातनी सुर्खियों में रही थी।
