नाराज अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच – चरणबद्ध आंदोलन 6 जनवरी से- 27 जनवरी से ठप्प कामकाज।

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देहरादून। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच आठ सूत्रीय मांग पत्र को लेकर छह जनवरी से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत करेगा। पहले चरण में मंच का जनजागरण अभियान चलेगा, जिसके तहत मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। दूसरे चरण में सभी जिला मुख्यालयों पर धरना और प्रदर्शन होंगे और जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे। उसके बाद तीसरे चरण में 27 जनवरी को राजधानी देहरादून में प्रदेशस्तरीय महारैली होगी और उसी दिन बेमियादी हड़ताल की घोषणा की जाएगी।

गिरीश गैरोला

  मंच के संयोजक मंडल की कोर कमेटी की बैठक में पूर्व में घोषित कार्यक्रम की रणनीति पर मंथन किया गया। यमुना कालोनी स्थित सद्भावना भवन में आयोजित बैठक में मंच के मुख्य संयोजक नवीन कांडपाल ने कहा कि मंच ने 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री को विधिवत रूप से आंदोलन का नोटिस दिया था। आशा थी कि मंच से वार्ता के माध्यम से समस्याओं के निस्तारण पर विचार होगा। लेकिन सरकार ने आज तक कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की। ऐसी स्थित में अब पूर्व घोषित आंदोलन के अनुरूप कर्मचारी आर पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर चुके हैं। यदि आंदोलन से कोई भी अप्रिय स्थित पैदा होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।

कार्मिकों की पदोन्नति करीब तीन माह से रुकी है। कई कार्मिक बिना पदोन्नित पाए सेवानिवृत्त हो गए हैं। इससे कार्मिकों को अनावश्यक रूप से आर्थिक एवं मानसिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ये किसी भी दशा में न्यायोचित नहीं है। सचिव संयोजक सुनील कोठारी व हरीश चंद्र नौटियाल ने कहा कि कार्मिकों को यू हेल्थ कार्ड की सुविधा मुख्यमंत्री की घोषणा के दो साल बीत जाने के बाद भी नहीं दी जा रही है। जबकि केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप समस्त नागरिकों को अटल आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश के कार्मिकों को पूर्व में देय यू हेल्थ कार्ड की सुविधा बंद कर दी गई है। बैठक में पदोन्नति में शिथिलीकरण के मुद्दे पर भी सरकार की नीतियों की आलोचना की गई।

कहा गया कि पदोन्नति के पद बड़ी संख्या में खाली हैं, जिन्हें शिथिलीकरण देकर भरा जा सकता है। लेकिन सरकार ने शिथिलीकरण की सुविधा को बहाल नहीं किया, जबकि पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत के साथ हुई बैठक में इस पर सहमति बनी थी। मांगों में पदोन्नति पर तत्काल रोक हटाई जाए, यू हेल्थ कार्ड की सुविधा जल्द लागू हा,े शिथिलीकरण की पूर्व व्यवस्था यथावत रह,े पूरे सेवाकाल में न्यूनतम तीन प्रमोशन मिले। 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति वेतनमान अनिवार्य रूप से दिया जाए, एक अक्तूबर 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था बहाल हो,तबादला कानून में रिटायरमेंट के अंतिम वर्ष में ऐच्छिक तबादले का प्रावधान हो,

इंदु कुमार पांडेय समिति की रिपोर्ट कर्मचारी विरोधी फैसले लागू न किए जाएं, विभिन्न संवर्गीय संगठनों के साथ हुए समझौतों के अनुरूप शासनादेश जारी हों शामिल हैं। बैठक में पंचम सिंह बिष्ट, पूर्णानंद नौटियाल, सुभाष देविलयाल, रमेश रमोला, संदीप कुमार मौर्य, विक्रम सिंह नेगी, अनंत राम शर्मा, बालम सिंह नेगी, रघुवीर सिंह बिष्ट, अनिल पंवार, प्रवेश सेमवाल, एसएस चैहान उपस्थित थे।

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