उपकोषागार में बंदी ने पेड़ से फांसी लगाकर जान दी

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रुड़की। रुड़की उपकारागार में लूट के मामले में विचाराधीन बंदी ने पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी। उसका शव आम के पेड़ से लटका हुआ मिला। सोमवार को मंगलौर पुलिस ने उसे लूट के मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय भी दीपक ने खुद पर चाकू से वार करके आत्महत्या का प्रयास किया था। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

गिरीश गैरोला

नारसन क्षेत्र में गाजियाबाद के कविनगर निवासी कन्हैया को लिफ्ट देकर तीन बदमाशों ने 12 हजार की नकदी और मोबाइल लूट लिया था। मंगलौर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में सोमवार को नसीरपुर की पुलिया से लूट के मामले में अंकित और रोहित तथा दीपक निवासी लिब्बरहेड़ी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय दीपक ने अपनी जेब से चाकू निकालकर अपने पेट पर अन्य जगहों पर हमला कर आत्महत्या का प्रयास किया था।

पुलिस ने उसे उपचार दिलाने के बाद रुड़की उपकारागार भेजा था। रुडकी उपकारागार की बैरक नंबर सात में उसका उपचार चल रहा था। दोपहर करीब दो बजे दीपक ने जेल के अंदर आम के पेड़ पर फंदा लगाकर फांसी लगा ली। कुछ देर बाद उसका शव अन्य बंदियों ने पेड़ से लटका देखा तो शोर मचा दिया। शोर मचाने पर जेलर जेपी द्विवेदी और अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे। सूचना पर गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश साह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को नीचे उतारा। पुलिस को मृतक के पास सुसाइड नोट नहीं मिला है।

पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है। मृतक की मां चमनो का कहना है कि दीपक को झूठे आरोप में फंसाकर जेल भेजा गया था। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पंचनामा भरा गया। गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश साह ने बताया कि दो चिकित्सकों का पैनल शव का पोस्टमार्टम करेगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारण सामने आएंगे।

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