देहरादून। अक्सर कहा जाता है कि एक व्यक्ति की जीवनशैली पर निर्भर करता है कि वह कितना लम्बा और कितना अच्छा जीवन जिएगा। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को हो चुकी है। कैंसर की संभावना को कम करने के लिए कई सावधानियां बरती जा सकती हैं, जैसे जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना, सेहतमंद आहार का सेवन, तंबाकू का सेवन न करना, फिट रहना और नियमित रूप से व्यायाम करना। पुरूषों में सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं-फेफड़ों, मुख, पेट, प्रोस्टेट, इसोफेगस और फेरिंजियल कैंसर। वहीं महिलाओं में स्तन और सर्विकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। कई प्रकार के कैंसर आनुवंशिक होते हैं, यानि वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकते हैं। हालांकि सिर्फ 5 से 10 फीसदी मामलों में ही कैंसर का संबंध आनुवंशिक जीन दोष यानि म्युटेशन से होता है।
गिरीश गैरोला
डॉ प्रवीण गर्ग, सीनियर कन्सलटेन्ट- ओंकोलोजी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स ने बताय्ाा अध्ययनों से पता चला है कि कैंसर के कारण होने वाली एक तिहाई मौतें आहार और शारीरिक गतिविधि से संबंधित होती हैं। एनिमल फैट खासतौर पर रैड मीट (बीफ, पोर्क और लैम्ब), प्रोसेस्ड मीट जैसे सॉसेज, बैकोन, हॉट डॉग का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। कोल्ड वॉटर फिश, बीन्स और पोल्ट्री आदि रैड मीट के अच्छे विकल्प हैं। साबुत अनाज, फल, सब्जियां, खासतौर सोया से युक्त उत्पादों में आइसोफ्लेवोन होते हैं, जिससे पी21 और कैसपेस 3 का स्तर बढ़ जाता है जो ट्यूमर कोशिकाओं के एपोप्टिोसिस को बढ़ावा देते हैं।