देहरादून। रक्त के अभाव की पूर्ति की दिशा में निरंकारी मिशन द्वारा सन् 1986 से सतद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी के कथनानुसार कि-‘रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं’ जैसे महत्वपूर्ण कदम आरम्भ होने के कारण रक्तदान, जीवनदान, महादान इससे बड़ा कोई दान नहीं की परम्परा पर आज संत निरंकारी चैरिटेबिल फाउंडेशन जोन मसूरी के सहयोग से संत निरंकारी सत्संग भवन बाईपास में एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें निरंकारी श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर हिसा लिया।
गिरीश गैरोला
शिविर में महन्त इन्द्रेश ब्लडबैंक द्वारा 120 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। सप्ताहिक सत्संग की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय संचालक दिलवर सिंह पंवार ने सत्गुरु माता सुदीक्षा सविन्दर हरदेव जी महाराज का पावन संदेश देते हुए कहा कि वर्ष 2020 का प्रथम महीना जहां रक्त की कमी के चलते हुए निरंकारी मण्डल ब्रांच देहरादून का यह प्रथम रक्तदान शिविर लगाया गया। रक्त का कोई जात नही, धर्म नहीं, वर्ण नहीं है। सभी के रक्त का रंग लाल है और जब किसी मानव को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो वह मानव के ही पास जाता है।
इस रक्तदान शिविर के सफल संचालन के लिए महन्त इन्द्रेश ब्लडबैंक की ओर से विशेष अनुभवी डाक्टर ओजस्वी चन्द्रा, अमित चन्द्रा आदि की टीम द्वारा लाइन में लगे रक्तदाताओं का सामान्य चैकअप जैसे बीपी, शुगर, होमोगलोबिन, वजन एवं ओरल पल्स इत्यादि चैकिंग करके सफल बनाया। ज्ञातव्य हो कि 30 सितम्बर, 2019 तक मिशन द्वारा भारत में 6278 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें कुल 10,76,368 यूनिट रक्तदान किया गया। इसके अलावा मिशन की दूर-देशों में स्थित 200 शाखाओं में भक्तों द्वारा मानवता के कल्याण हेतु नियमित रूप से रक्तदान शिविरों को आयोजन किया जाता है। निरंकारी मिशन समाज में मानवता के प्रति अपने स्नेह, एकता, मिलवर्तन, भाईचारे जैसी शिक्षाओं देकर एक ईश्वर निरंकार प्रभु के दर्शन मात्र से आत्मा का कल्याण करते हुए भ्रमों से निकाल कर मुक्ति एवं भक्ति करने का सलीखा सिखाते है। वहीं इस रक्तदान शिविर को सफल बनाने में मिशन के सेवादार भाई-बहनों ने लंगर, प्याऊ, ट्रैफिक आदि की व्यवस्था को विशेष योगदान रहा है।