अकेला कुछ नही -कोरोना के खिलाफ टीम भावना – छोटे बड़े की नही बात जंग जीतने की

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देश में सीमित स्वास्थ्य संबंधित संसाधनों के चलते सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट करना संभव नहीं है लिहाजा क्वॉरेंटाइन की 14 दिन की अवधि में लक्षण प्रकट होने के बाद ही जरूरी टेस्ट करवाए जा रहे हैं, ऐसे में इन 14 दिनों इन संभावित मरीजों के पास जाकर उनकी जानकारी लेना और लक्षण देखना के दौरान जरा सी लापरवाही स्वास्थ्य कर्मी सहित अन्य कोरोना वॉरियर्स की जान को भी खतरे में डाल सकते हैं। लिहाजा पूरा सिस्टम एक टीम भावना से काम कर रहा है जिसमें सब अपनी अपनी जिम्मेदारी को निभाने में लगे हैं। जिले के बॉर्डर जांच के साथ 14 दिन तक के क्वॉरेंटाइन पीरियड पर यदि इसी टीम भावना से काम किया गया तो निश्चित तौर पर जीत हमारी होगी

स्वास्थ्य कर्मियों की टीम में एलोपैथी के साथ आयुष से जुड़े सभी महकमे कदम से कदम मिलाकर खड़े हैं

पूरा देश एक जुट होकर कोविड को हराने में लगे हैं।सभी अधिकारी, कर्मचारी , पुलिसकर्मी मीडिया कर्मी, जनप्रतिनिधि सामाजिक संगठन सफाई कर्मचारी।सभी कोरोना महामारी से एक योद्धा की तरह जंग लड़ रहे है।इस कड़ी में चिकित्सा स्वाश्थ्य बिभाग एवं आयुष बिभाग के अंतर्गत होम्योपैथी चिकित्सा बिभाग पुरे मुस्तैदी से दल बल के साथ कोविड 19 को हराने में फ्रंट लाइन में खड़े है। होम्योपैथी के चिकित्सा अधिकारी व ,फार्मासिस्ट, एम पी डब्ल्यू ,सहित सभी कर्मचारी क्वारन्टीन सेंटरों ,आइसोलेशन वार्ड।वार रूम, तथा बॉर्डर में आने जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करने में 12 घंटे दिन रात डयूटी दे रहे हैं। चिकत्सकों की टीम में डॉ दिनेश भट्ट लगातार जिला उत्तरकाशी के दूर ग्रामीण छेत्रों में क्वारन्टीन रह रहे लोगो की स्वाश्थ्य की जानकारी ले रहे हैं तथा ग्रामीण जनता को कोविड 19 से बचाव तथा स्वास्थ्य संबंधी जान करी दे रहे हैं। होम्योपैथी चिकित्सा संबंधी जानकारी भी दी जा रही है।

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