अवैध डंपिंग ने बहाए खेत, एनजीटी को ताक पर रखते है ठेकेदार? ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन।

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बडकोट उत्तरकाशी।

एनजीटी के नियमो को ताक पर रखकर बडकोट राजतर पुल के पास सड़क चौड़ीकरण कंपनी के ठेकेदारों द्वारा मलवा डंप किया गया जो भारी वर्षा से नदी के बढ़े जल स्तर से काश्तकारों के खेतों को भी बहा ले गया गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर विरोध जताते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के साथ खेतो की सुरक्षा दीवार निर्मित करने की मांग की।

गिरीश गैरोला

यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण में लगी कंपनी जेएसपी के द्वारा सड़क चौड़ीकरण का मलवा राजतर पुल के पास गलत ढंग से डंप कर दिया गया। 8 अगस्त को हुई वर्षा के बाद मलवे के साथ स्थानीय नंद गाव के ग्रामीणों के खेत भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए । गुस्साए ग्रामीणों ने पुल के पास विरोध जताया।ग्रामीणों ने मौके से बचा हुआ मलवा हटाकर पुल के पास सुरक्षा दीवार निर्माण के साथ खेतो की सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की है।साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

मौके पर कंपनी के इंचार्ज सोनू ने अपने प्रोजेक्ट मैनेजर को बुलाकर प्रशासन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के सुझाव दिया। सूचना मिलते ही थाना बडकोट से एसएसआई सतीश घिल्डियाल मौके पर पहुँचे।कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर कादिर खान ने बताया कि उनके द्वारा मलवा डंप नही किया गया था बल्कि  रेडी मिक्स प्लांट लगाने के लिए स्थान की मांग को लेकर लोक निर्माण विभाग एन एच खण्ड को लिखा गया था। लोक निर्माण विभाग ने प्रशासन के साथ पत्रचार के बाद उक्त भूमि को सरकारी भूमि बताकर कंपनी को उपयोग के लिए दे दिया था।

फिलहाल एसडीएम अनुराग आर्य स्टेशन से दूर होने के चलते मौके पर नही पहुँच सके है और वार्ता जारी है।किन्तु बड़ा सवाल ये कि समाज के लिए जरूरी स्कूल कॉलेज, अस्पताल आदि का निर्माण नदी गाड़ गदेरों से पर्याप्त दूरी के एनजीटी के मानकों के चलते रुक सकता है किंतु ठेकेदार कंपनियां मन मर्जी से किसी भी नदी और गदेरे में मलवा डंप कर सकती है उनपर कोई कानून क्यों लागू नही होता जबकि ग्रामीणों के खेत इसी वजह से बह गए इतना ही  नही भविष्य में और भी अधिक कटाव होने की संभावना बनी हुई है।

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