असुरक्षित माहौल में अनजान कोरो ना संक्रमित मरीजों की जांच कर रहे आयुष डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ – डीएम से मांगी पीपी किट।

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मरीज में कोरोनावायरस पुष्टि के बाद आइसोलेशन वार्ड में इलाज करने वाले डॉक्टर को पीपीई किट सहित संपूर्ण सुरक्षा उपकरण के साथ इलाज करने में खुद की सुरक्षा की जितनी चिंता होती है उससे कई ज्यादा चिंता बॉर्डर पर तैनात उन दूसरे मेडिकल स्टाफ को हो रही है जो अपर्याप्त सुरक्षा किट के साथ में भीड़ में शामिल अनजान संक्रमित कोरोनावायरस को जांच कर रहे हैं जिनके बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है । उत्तरकाशी जिले में पहला कोरो ना पॉजिटिव केस मिलने के बाद बॉर्डर पर तैनात आयुर्वेदिक चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ को आवश्यक उपकरण देने के लिए संघ के महासचिव डॉक्टर हरदेव रावत ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को ज्ञापन भेजा है। गौरतलब है कि 7 मई को करुणा संक्रमित मरीज की मेडिकल जांच बॉर्डर पर आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ मनीषा अग्रवाल के द्वारा की गई थी।

गिरीश गैरोला

आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड के महासचिव डॉ हरदेव  रावत ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को लिखे पत्र में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को पीपी ई  किट उपलब्ध कराने का के साथ रोटेशन में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाने का अनुरोध किया है ।अपने पत्र में डॉक्टर  हरदेव ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ पूरे उत्तराखंड में QRT टीम वार रूम क्वॉरेंटाइन सेंटर तथा स्कैनिंग में रात दिन ड्यूटी कर रहे हैं ।उत्तरकाशी जिले में नगुण   बैरियर पर  ड्रा विजय राज बिष्ट , dr बसंती एवं डॉ मनीषा अग्रवाल विगत डेढ़ महीने से ड्यूटी कर रहे हैं ।उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी में मिले पहले कोरो ना  पॉजिटिव मरीज  एवं उसके साथ लोगों की स्कैनिंग 7 मई को डॉक्टर मनीष अग्रवाल के द्वारा की गई थी क्योंकि उत्तराखंडी प्रवासी लगातार अपने घरों की ओर आ रहे हैं इसलिए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को पीपी ई  किट और अन्य सुरक्षा सामान  दिया जाना बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले में  डमटा का एवं नगुण  दो चेक पोस्ट बनाए गए हैं जिसमें तैनात डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ को पी पी  ई  एवं अन्य सुरक्षा समान उपलब्ध कराने के साथ-साथ रोटेशन में ड्यूटी लगाने की बात की गई है।

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