पकोड़े वाले डॉक्टर
करेंगे फूलते पेट का इलाज
पतंजलि ने दुनिया को सिखाया कि आयुर्वेद से किस तरह सुखी और निरोग जीवन जिया जा सकता है। बाबा रामदेव ने इसे आगे बढ़ाया और खूब नाम कमाया , नाम के साथ धन स्वतः ही आने लगा।
अब इसी तर्ज पर नई विधा को जन्म देते हुए सूबे में पकोड़ा से इलाज करने की पैथी जबरन थोपी जा रही है। आरोप लगाने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर्स ने विरोध में काबीना मंत्री हरक सिंह रावत के जन्म दिन पर पकोड़ा तलकर अपना विरोध जताया।
गिरीश गैरोला
लोग आरोप लगाते है कि पीएम मोदी ने भी बेरोजगारी दूर करने के लिए पकोड़ा तलने बाकी सलाह दी थी, इस पर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स कहते है कि मोदी तो फकीर आदमी है किसके पास अपना कुछ नही सब देश का, देश के लिए किन्तु उत्तराखंड में मंत्रियों और नेताओं के घर जमीन जायदाद जिस तेजी से फैल रही है उसी दर से उनका पेट भी फैलने लगा तो कोउ भी पैथी काम नही आएगी, और सभी डॉक्टर्स को पकोड़े तल कर अपने परिवार का पालन करना होगा।
दरअसल आयुर्वेदिक कॉलेज में बढ़ी हुई फीस का छात्र विगत महीने से विरोध कर रहे है, जिस फीस को दो वर्ष बाद लागू होना था वह दो वर्ष पहले ही लागू हो गयी है। आलम ये है कि सरकारी सीट से ऐलोपैथी से mbbs कर रहे छात्रों से अधिक फीस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में वसूली जा रही है।
और सवाल पूछने पर बात से नही लात से जबाब दिया जा रहा है।
अब इन बहुमंजिला दुकानों से बडे व्यापारी ही डॉक्टर्स की डिग्री खरीद सकते है ,आम लोगो को पकोड़ा ही तलकर जीवन यापन करना होगा।