प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएं । मजदूर सड़क पर पैदल अपने घरों की तरफ जाने की लिए मजबूर न हो, इसके बावजूद भी उत्तरकाशी जिले में मनेरी से 40 किलोमीटर दूर सड़क पर पैदल चलकर चार मजदूर डूंडा के पास पहुंच गए तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं ने रोक कर उनकी समस्या पूछी ।
मजदूरों ने बताया कि कई बार पटवारी के पास नाम लिखाने के बावजूद उन्हें घर जाने की अनुमति नहीं मिली लिहाजा वह पैदल ही ऋषिकेश की तरफ जाने को मजबूर है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री सुरेश सेमवाल ने भी जिलाधकारी, उप जिला अधिकारी और अन्य अधिकारियों को फोन से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया , बाहर हाल हिंदू परिषद के लोगों ने कार्यकर्ताओं ने मजदूरों को मास्क बांटे उन्हें भोजन कराया और उसके बाद निजी प्रयासों से उनके लिए अनुमति बनवाई , जिसके बाद मजदूर उनको धन्यवाद करते हुए अपने गंतव्य की ओर चले गए हैं ।बड़ा सवाल यही कि आम लोगों की कभी सुनवाई नहीं होगी? क्या बिना सिफारिश के घर जाने की अनुमति भी नहीं मिल सकती?
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