एनसीसी अकादमी शिफ्टिंग का मामला हाईकोर्ट में – 18 दिसंबर को सुनवाई

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टिहरी। देवप्रयाग से एनसीसी अकादमी पौड़ी शिफ्ट किए जाने के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल में पेश की गयी याचिका पर आगामी 18 दिसम्बर को सुनवाई होगी। एनसीसी अकादमी को लेकर आईटीबीपी के (सेनि) निरीक्षक गबर सिंह बंगारी ने हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की है।

गिरीश गैरोला

मामले को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, एनसीसी महानिदेशक नई दिल्ली, अपर महानिदेशक एनसीसी उत्तराखण्ड, डीएम टिहरी, मुख्य वन संरक्षक, डीएफओ तथा राजस्व व शिक्षा सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है।उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल में एनसीसी अकादमी के मुद्दे पर होने वाली होने वाली सुनवाई को लेकर देवप्रयाग क्षेत्र के लोगों को उम्मीदे बंधी हैं।

मुख्य न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की अदालत में याचिकाकर्ता गबर सिंह बंगारी ने देवप्रयाग ब्लॉक के श्रीकोट माल्डा में बनने वाली एनसीसी अकादमी को पौड़ी शिफ्ट किये जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार जिस अकादमी का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री ने एनसीसी अधिकारियों व हजारों लोगो के सामने किया हो। इसके साथ ही अकादमी निर्माण के लिए ग्रामीनों ने दो सौ एकड़ भूमि बिना शर्त सरकार को दी हो, उसे शिफ्ट किये जाने का क्या औचित्य है।

एनसीसी बचाओ समिति संरक्षक व पूर्व ब्लॉक प्रमुख जयपाल पंवार ने कहा कि न्यायालय में मामले को लेकर याचिका दायर करने से एक ओर जहां सरकार की मंशा का खुलासा होगा, वहीं भ्रम की स्थिति भी दूर होगी। बीते 5 दिसम्बर 2016 को एनसीसी अकादमी का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, एनसीसी अपर निदेशक मेजर जनरल सी. मणि सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों व क्षेत्र की जनता के सामने किया गया था। इसके बाद जनवरी 2019 में पौडी में हुई कैबिनेट बैठक में त्रिवेंद्र सरकार ने एनसीसी अकादमी को पौड़ी में स्थापित किये जाने का निर्णय लिया। जिसके बाद से देवप्रयाग क्षेत्र की जनता एनसीसी शिफ्ट किये जाने के विरोध में लगातार आंदोलनरत है।

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