रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग की चेतावनी के बाद हरकत में आए प्रशासन ने पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में लगाए गए 19 ताम्रपत्रों को हटा दिया है। जांच के लिए इन ताम्रपत्रों को लॉकर में सीलबंद कर दिया गया है। अब बृहस्पतिवार को मंदिर के शुद्धिकरण के बाद भगवान केदारनाथ की डोली मंदिर में प्रवेश करेगी।
गिरीश गैरोला
भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पिछले माह तीन और छह सितंबर को अज्ञात लोगों ने कुछ ताम्रपत्र लगा दिए थे। मामला संज्ञान में आने पर बीकेटीसी और स्थानीय लोगों ने इसकी जांच की मांग उठाई थी। बुधवार को यह मामला तब खासा गरमा गया, जब केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग ने मामले की जांच नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए एक नवंबर से आमरण अनशन पर बैठने का ऐलान कर दिया। उनका यह भी कहना था कि मंदिर में साजिश के तहत लगाए गए ताम्रपत्रों का खुलासा नहीं होता है, तो वे बृहस्पतिवार को बाबा केदार की डोली मंदिर में प्रवेश नहीं करेगी। मंदिर का शुद्धिकरण होने तक डोली द्वार पर ही रहेगी और वे भी गद्दी पर नहीं बैठेंगे।
रावल भीमाशंकर लिंग ने प्रशासन, पुलिस, मंदिर समिति और पंचगाईं के हक-हकूकधारियों के साथ बैठक कर कहा कि अज्ञात लोगों ने मंदिर में ताम्रपत्र लगाकर धार्मिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ की है। धर्म की रक्षा के लिए अगर उन्हें प्राण भी त्यागने पड़े तो वे उसके लिए तैयार हैं। उन्होंने मंदिर के अलग-अलग हिस्सों में लगाए गए ताम्रपत्रों को निकालकर उन सभी स्थानों का शुद्धिकरण करने की बात कही।
नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने कहा कि मामले में कार्रवाई नहीं होना खेद का विषय है। मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने कहा कि पुरातत्व विभाग से ताम्रपत्रों की जांच कराई जाएगी। मामले में पूर्व में ऊखीमठ थाने में भी तहरीर दर्ज कराई जा चुकी है। अपर जिलाधिकारी अरविंद पांडे, पुलिस उपाधीक्षक गणेश लाल कोहली, उप जिलाधिकारी वरूण अग्रवाल, तहसीलदार जयवीर राम बधणी ने ओंकारेश्वर मंदिर के उन सभी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण किया, जहां ताम्रपत्र लगाए गए थे।