देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के भाई सचिन उपाध्याय को धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेश कर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। सचिन राजपुर रोड स्थित डब्ल्यूआईसी क्लब का संचालक भी है।
गिरीश गैरोला
मुकेश जोशी (निवासी नोएडा) ने 14 फरवरी 2017 को राजपुर थाने में धोखाधड़ी और गाली गलौच आदि की शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि उन्होंने वर्ष 2012 में सचिन उपाध्याय (42) निवासी एसएन विला, ग्राम चालंग, थाना राजपुर के खिलाफ दिल्ली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि सचिन ने उनकी संपत्ति को फर्जी हस्ताक्षर कर खुर्दबुर्द किया। मुकदमा दर्ज होने पर सचिन उपाध्याय ने समझौते के लिए कहा। साथ ही फर्जी हस्ताक्षर वाली बात स्वीकारी और मुकेश जोशी को 26.50 लाख रुपये देने की बात कही थी। सचिन ने रकम देने तक मुकेश के पास देहरादून स्थित अपनी एक संपत्ति को गिरवी रखा। कुछ दिन बाद मुकेश को पता चला कि सचिन यह संपत्ति पहले ही बैंक में बंधक रखे हुए हैं।
मुकेश ने इस संबंध में बात की तो सचिन ने पीड़ित के साथ गाली गलौच कर दी। साथ ही रकम लौटाने से भी इनकार कर दिया। राजपुर पुलिस ने तब सचिन के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, गाली गलौच और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने 10 दिसंबर 2017 को यह कहते हुए इस मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगा दी कि वादी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस पर मुकेश जोशी ने चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की। 27 अप्रैल 2019 को एसीजेएम की अदालत ने अंतिम रिपोर्ट को निरस्त करने के आदेश दिए।
इस बीच मुकेश के प्रार्थनापत्र पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए। जिस पर थानाध्यक्ष राजपुर और रायपुर थाने के एक दरोगा को भी एसआईटी में शामिल किया। जांच में सचिन उपाध्याय के खिलाफ पर्याप्त सुबूत मिलने पर पुलिस ने कुछ दिन पहले न्यायालय से उसके गैर जमानती वारंट हासिल किए।
राजपुर थानाध्यक्ष अशोक राठौड़ ने बताया कि रविवार को पुलिस ने सचिन उपाध्याय को गांव चालंग स्थित उसके घर के बाहर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।