केदारनाथ के कपाट हुए बंद
रिपोर्ट कुलदीप , रूद्रप्रयाग
ग्यारहवें ज्योर्तलिंग बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए हो गए हैं बन्द।
विधिविधान व पूर्जा अर्चना के आज भैयादूज के अवसर पर प्रात 8.30 हुए कपाट बन्द।
इस वर्ष अबतक बाबा केदारनाथ में रिकार्ड 9,94,701 तीर्थयात्रीयों ने कर लिए हैं दर्शन।
बीते वर्ष 2018 में बाबा केदार के दरबार में 7,32,241 तीर्थयात्रीयों ने टेका मत्था
बाबा केदार में तीर्थयात्रीयों की संख्या में इस साल जबरदस्त उछाल।
कपाट बन्द होते ही बम बम भोले के जयकारों से बाबा की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए हुई रवाना।
करोड़ों हिन्दुओं के आस्था के प्रतीक ग्यारहवें ज्योर्तलिंग बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए देश-विदेश के भक्तों के लिए बन्द हो गए हैं , आज भैयादूज के पावन त्यौहार के मौके पर ही सदियों से बाबा केदारनाथ, यमनोत्री समेत तुंगनाथ और मध्यमेहश्वर के कपाट शीतकाल में बन्द होने की पौरांणिक परम्परा है, आद प्रातकाल से ही बाबा केदार की केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना हुई, विधिवत पूजा अर्चना के बाद भगवान केदारनाथ जी के कपाट प्रात 8.30 बजे बंद किए गये, जिसके बाद भक्तों द्बारा भोलेनाथ उद्घोष के साथ केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली केदारनाथ धाम से रवाना होकर रामपुर पहुचेगी, जहा रात्री प्रवास भी होगा, रामपुर में इस मौके पर केदार महोत्सव का भव्य आयोजन होगा, रामपुर के बाद 30 अक्टूबर को बाबा केदार की डोली गुप्ताकाशी स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर में प्रवास करेगी, और 31 अक्टूबर को बाबा केदार की डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पहुचेगी, जहां पूरे शीतकाल के दौरान बाबा केदार की पूर्जा अर्चना की जाती है।