केदार गुफा में बाल कृष्ण के तप का राज पतंजलि के सत्ता से जुड़ा ?

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बालकृष्ण का ये तप रामदेव के साम्राज्य के भीतर की कोई गंभीर कहानी तो नही 🤔

गजेंद्र रावत देहरादून।


पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण एक बार फिर चर्चा में है पिछले महीने पेडे मे जहर के बाद एम्स में भर्ती रहे बालकृष्ण को जहर दिए जाने या उनके खाने में जहर होने कि न तो कहीं जांच पड़ताल हुई ना कहीं शिकायत दर्ज की गई ।बालकृष्ण कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है 25 बड़े उद्योग पतियों में शुमार रहे बालकृष्ण को खाने में जहर के बाद किसी प्रकार की जांच ना होना, बालकृष्ण का उसके बाद लंबे समय तक पतंजलि योगपीठ न जाना, और अचानक से विरक्ति की बात कहकर केदारनाथ चले जाना कई सवाल खड़े करता है। भारी भरकम सुरक्षा घेरे में रहने वाले जिन आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर से करोड़ों रुपए की कंपनियां चल रही थी अचानक ऐसे व्यक्ति का राजकाज छोड केदारनाथ जाना कई सारी आशंकाओं को बल देता है। जिस पतंजलि योग पीठ मे सारे प्रकार के योग प्राणायाम करने के लिए दुनिया भर से लोग आ रहे हैं जंहा हर बीमारी के इलाज का दावा किया जाता है वहां से बालकृष्ण का तप के लिए जाना गहरे संदेह पैदा करता है। लंबे समय से पतंजलि योगपीठ रामदेव और उनके भाइयों के साथ साथ रिश्तेदारो के कब्जे में है ।ऐसे में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री और तमाम कम्पनियों के सीएओ का पतंजलि छोडकर तपस्या के लिए जाने की बात से साफ संकेत जाता दिख रहा कि बालकृष्ण के पतंजलि में दिन पूरे तो नही हो गये हैं या पतंजलि मे कुछ ऐसा चल रहा है जिसने बालकृष्ण को पतंजलि छोडने को विवश कर दिया है कुछ न कुछ तो चल रहा है जो सामने नहीं दिख रहा आचार्य बालकृष्ण से बात करने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया किन्तु फोन किसी और ने उठाया और बताया कि महाराज केदारनाथ गये हैं जो बालकृष्ण के साथ वाले का दूसरा नम्बर दिया उसने फोन काट दिया 🤔

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