कड़े पहरे में कुड़े की निगरानी

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कुड़े की रखवाली में 24 घंटे ड्यूटी दे रहे ग्रामीण।
शर्दी की ठिठुरन भरी रात में भी तंबू में कुड़े की  हो रही रखवाली

कूड़े की रखवाली के लिए तंबू गाड़ कर बैठे ग्रामीण।

जिला प्रशासन पर मिलीभगत कर ग्रामीनोंके साथ छल करने का लगाया आरोप।

गिरीश गैरोला।
नव निर्वाचित नगर पालिका उत्तरकाशी के लिए कूड़ा निस्तारण जी का जंजाल बन कर राह गयी है।
उत्तरकाशी नगर का कूड़ा गंगोत्री राजमार्ग के पास सीधे गंगा में उड़ेलने के जुर्म में पालिका के अधिशाषी अधिकारी के निलंबन के बाद पालिका प्रशासन के हाथ पांव फुले हुए है। बताते चले कि शहरी विकास मंत्रालय ने तो अधिशाषी अधिकारी सुशील कुमार को निलंबित किया किन्तु वन विभाग ने इसी माम्लिले में  ईओ के साथ अन्य कर्मचारियों को नामजद करते हुए वैन अधिनयम की धारा 26 में मामला पंजीकृत किया है।
https://youtu.be/W_XuNBrjtTQ

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नगर में फिलहाल कुड़े की डंपिंग नगर के बीचों बीच रामलीला मैदान में की  जा रही है किन्तु  जल्द ही डंपिंग स्थल नही मिला तो स्थिति बिगड़ सकती है।
समस्या गंभीर होते देख डीएम आशीष कुमार चौहान ने जल विधुत निगम से वार्ता के बाद जोशियाड़ा जलासय के समीप  कंसेण गाँव के पास कूड़ा डंप करने के निर्देश दिए ।
सूचना मिलते ही कंसेण गाँव के ग्रामीणों ने  इस निर्णय विरोध करते हुए प्रस्तावित स्थल पर तंबू डालकर निगरानी सुरु कर दी । रात के घुप्प अंधेरे में भी ग्रामीण  अलाव जलाकर तंबू में डटे है । ग्रामीणों की माने तो इस स्थल से चामकोट, कंसेण, दिलसौड़ और   मनरा चार गांवो    का रास्ता गुजरता है। यदि इस स्थान कूड़ा डाला गया तो चार गाँव मे बीमारी फैलने का खतरा बना रहेगा। उन्होंने जिला प्रशासन पर मिली भगत का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों के साथ छल का आरोप लगाते हुए किसी भी सूरत में गंगा के किनारे इस प्रस्तावित स्थल पर कूड़ा डालने का विरोध करने की बात कही। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि उनके विरोध में वार्ड नं 8 और 9 के कांग्रेशी सभासदों का भी सहयोग मिल रहा है।
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