खटीमा गोली कांड की 25 वी वर्षी – गढ़वाली कुमाऊनी को मिले सम्मान।

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पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन देव भूमि उत्तराखंड के जिस खटीमा से सुरु हुआ उसी खटीमा गोलीकांड की 25 वी वर्षी पर देश की राजधानी दिल्ली में उत्तराखंड की लोक भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सामिल करने की मांग के साथ ही गढ़वाली कुमाउनी लोक भाषा सीखने की क्लास चलाने में सभी सहयोगियों को 5 सितंबर शिक्षक दिवस के मौके पर समानित किये जाने का निर्णय लिया गया

हरीश असवाल मेरु रैबार ब्यूरो चीफ दिल्ली।


प्रवासी उत्तराखंडियो की माँग ,उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच , उत्तराखंड एकता मंच, द्वारा
DPMI सभागार न्यू अशोक नगर दिल्ली में 1 सितम्बर 1994 को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मसूरी खटीमा गोली कांड अमर शहीदों को 25वीं वार्षिक श्रद्धाज़लि स्वरूप 2 मिनट का मौन धारण किया तत्पश्चात उत्तराखंड लोक भाषा को संविधान आठवीं अनुसूची में शामिल करने और अकादमी बनाने पर चर्चा के साथ प्रस्ताव रखा गया । दिल्ली मे चल रही ग्रीष्म क़ालीन लोक भाषा विगत 4 वर्ष से DPMI और उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच एवं

उत्तराखंड एकता मंच के बैनर तले चलायी गयी जिसमें गढ़वाली , कुमाऊँनी भाषा के शिक्षक , संस्थान सहयोगी को शिक्षक दिवस 5 सितंबर को सम्मानित किया जायेगा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता DPMI एवं हिमालय न्यूज़ निदेशक डॉ विनोद बछेटि , मंच संचालक वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश ध्यानी , द्वारा की गयी बैठक में लोक भाषा शिक्षक , वरिष्ठ समाजसेवी कई गणमान्य व्यक्तियो ने शिरकत दी ।

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