गौ मूत्र और गौ गोबर से कॅरोना का इलाज ?

Share Now

गौपालन की हिंदुस्तान की पौराणिक परमपरा को कॅरोना वायरस ने एक बार फिर जीवंत कर दिया है, तो क्या कॅरोना वायरस को गौ मूत्र गोबर से नियंत्रित किया जा सकता है? मधुमक्खी पर किये गए शोध के बाद इसकी संभावना बढ़ गयी है।

जितेंद्र पेटवाल देहरादून

कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया में उससे बचने के क़ई नुस्खे वायरल हो रहे है। इसमें से एक नुस्खा गाय के गोबर से लेप ओर गौमूत्र का स्तेमाल खूब वायरल हो रहा है। इस सब के बीच ऊधमसिंहनगर में 15 सालो से गौमूत्र में शोध कर रही वैज्ञानिक भी गौमूत्र से कोरोना वायरस के इलाज की संभावना जताते हुए इसमें शोध करने की बात कह रही है। उन्होंने बताया कि गौमूत्र मल्टी पर्पज इफेक्ट के रूप में काम करता है।

– कोरोना वायरस की भारत मे दस्तक के बाद देश मे अलर्ट जारी किया हुआ है। सोशल मीडिया में भी डॉक्टरों और समाज से जुड़े क़ई बुद्धजीवी कोरोना वायरस से बचने का सुझाव दे रहे है। तो क़ई लोग सोशल मीडिया में गौमूत्र ओर गाय के गोबर के लेप से इस बीमारी का समाधान बता रहे है। ऊधमसिंहनगर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में तैनात वैज्ञानिक रुचिरा तिवारी पीछले 15 सालो से गौमूत्र में रिसर्च कर रही है। उन्होंने बताया कि गौमूत्र वायरस ओर फंगस से निपटने के लिए कारगर है। उनके द्वारा यह प्रयोग मधुमखियों में किया गया था। जिसका रिजल्ट भी पोजटिव रहा है। उन्होंने बताया कि मधुमखी भी एक जीवित प्रजाति है। जब गौ मूत्र के स्प्रे से मधुमखियों में हुए वायरस अटैक को खत्म किया जा सकता है ओर उनका कुनबा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है तो गौमूत्र की विशेषताओं पर शोध करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने में यह कितना कारगर साबित होगा यह कह पाना अभी मुश्किल है लेकिन गौ मूत्र इंसानों के लिए फायदेमंद होगा इसके लिए शोध की आवश्यकता है।

error: Content is protected !!