घर के काम करने से नियंत्रित रहती है शुगर।

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देहरादून। मधुमेह से लगभग दस करोड़ लोग अपने देश में प्रभावित है और लगभग इतने ही लोग मधुमेह से पीड़ित तो है लेकिन उन्हें यह बात पता नहीं है। लोग मधुमेह के बारे में जानते तो है लेकिन मधुमेह के दुष्परिणाम कितने खतरनाक हो सकते है इस बात से अभी भी बहुत से लोग अनभिज्ञ है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए संजय आॅर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, राजपुर रोड, देहरादून, इन्टरनेशनल डायबिटीज हैल्थ रिसर्च सेंटर एवं उŸारान्चल आयुर्वेदिक काॅलेज, राजपुर रोड़, देहरादून द्वारा मधुमेह बीमारी के बारे में एक संगोष्ठी आयोजित की गई।

गिरीश गैरोला

इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मसूरी विधायक श्री गणेश जोशी जी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।  इस साल विश्व मधुहेह की थीम परिवार और डायबिटीज है। इस दिन समाज पर मधुमेह से होने वाली समस्याओं का आँकलन करना तथा समाज में मधुमेह के प्रति जागरूक करना है।

जिन परिवारों के लोग मधुमेह से प्रभावित है। उन परिवारों को जागरूक करना कि रोगियों को किस तरह से इलाज करें तथा आप अपने आपको मधुमेह से कैसे बच सकते है। खासतौर से टाइप 2 मधुमेह के बारे में जागरूकता का बहुत बड़ा महत्व हैं। इस तरह की मधुमेह अपने देश में एक आम बात है। 90 प्रतिशत लोग मधुमेह से पीड़ित है। दुर्भाग्य की बात यह है कि मधुमेह में 2 में से। आदमी मधुमेह से तो पीड़ित है लेकिन उसे यह पता नहीं है कि उसे मधुमेह है जिसके कारण उनको जानलेवा खतरे पैदा हो जाते है।

आज के समय में मधुमेह का मुख्य कारण यह है कि लोग खान-पान पर ध्यान नहीं देते है तथा अपने आपको मेहनत के काम से दूर रखते है। यदि लोग संतुलित भोजन करें तथा रोजमर्रे में कम से कम आधे से एक घंटे तक ऐसा कोई काम करें जिससे शरीर से पसीना निकले  जैसे कि तेज गति से चलना, भागना, दौड़ना या फिर किसी स्पोर्ट के खेलने से मधुमेह से हम कोसों दूर रह सकते है तथा बहुत से घरेलू काम जैसे कि कपड़ें धोना, बर्तन धोना, झाड़ू-पोछा लगाना, घरों में बागवानी के काम करना या और ऐसे घरेलू बहुत से काम है जिससे न केवल हम मधुमेह से बचेंगे और हम अपनी शारीरिक मदद करेंगे बल्कि हम परिवार की भी आर्थिक मदद करेंगे।

उŸारान्चल आयुर्वेदिक काॅलेज के संस्थापक डाॅ. आश्वनी काम्बोज, संजय आॅर्थोपीडिक एवं स्पाइन सेन्टर के निदेशक, गिनीज एवं लिम्का बुक रिकार्ड होल्डर  डाॅ. बी. के. एस. संजय, आॅर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डाॅ. गौरव संजय, मधुमेह रोग विशेषज्ञ डाॅ. आशुतोष शर्मा, उŸारान्चल आयुर्वेदिक अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य डाॅ. एच. एम. चन्दोला, योगाचार्या डाॅ. गौड, डाॅ. सनानन्द थपलियाल, डाॅ. जैन, समाजसेवी योगेश अग्रवाल आदि ने मधुमेह के बारे में अपने विचार व्यक्त किये और सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हमें मधुमेह को नियन्त्रित करने के लिए हम सबको अपनी जीवन-शैली और खान-पान में बदलाव लाने की जरूरत है।

इसके अतिरिक्त हम सबको योग एवं व्यायाम को अपनी रोजमर्रा में दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए जो कि न केवल जीवन शैली से प्रभावित मधुमेह बल्कि दूसरी अन्य बीमारियाँ जैसे कि उच्च रक्त चाप, हृदय रोग आदि बहुत सी बीमारियों से भी बचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य अतिथि में सिंगापुर से आयी हुई अतिथि ऐना, संतोषी शर्मा, ईशा अग्रवाल, सरला भटनागर आदि मौजूद रहे।  

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