November 1, 2019
देहरादून। छात्रवृत्ति घोटाले में मुख्य आरोपित समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में नौटियाल ने गुरुवार को हरिद्वार में इस मामले में जांच कर रही एसआइटी के समक्ष आत्म-समर्पण किया था।
गिरीश गैरोला
शुक्रवार को आरोपित को दून में विशेष न्यायाधीश सतर्कता और भ्रष्टाचार की अदालत में पेश किया। यहां बचाव पक्ष ने नौटियाल की जमानत याचिका लगाई। जिस पर आपत्ति जताते हुए अभियोजन पक्ष द्वारा मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। छात्रवृत्ति घोटाले में मुख्य आरोपित समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक गीताराम काफी समय से एसआइटी के साथ लुकाछुपी खेल रहे थे।
अपनी गिरफ्तारी से बचने को लेकर उन्होंने तमाम हथकंडे अपनाए। नौटियाल ने सुप्रीम कोर्ट की शरण भी ली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए उन्हें एक सप्ताह में एसआइटी के समक्ष आत्म-समर्पण करने के आदेश दिया था। यह मियाद पूरी होने पर शुक्रवार शाम नौटियाल ने एसआइटी कार्यालय रोशनाबाद हरिद्वार पहुंचकर समर्पण कर दिया था।
इस दौरान एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से जुड़े मामले में विवेचनाधिकारी एएसपी आयुष अग्रवाल ने नौटियाल से पूछताछ की थी। सवालों के संतोषजनक जवाब न मिलने पर एसआइटी ने पूछताछ के उपरांत नौटियाल को गिरफ्तार कर लिया। इधर, शुक्रवार दोपहर बाद उन्हें देहरादून में विशेष न्यायाधीश सतर्कता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम श्रीकांत पांडे की अदालत में पेश किया गया।