ऋषिकेश। पूर्व माध्यमिक विद्यालय की दीवार के नीचे दब कर छात्र की मृत्यु के मामले में उसके पिता ने विद्यालय प्रधानाचार्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, दूसरी ओर छात्र की मौत से गुस्साए लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया।
गिरीश गैरोला
पुष्कर मंदिर मार्ग पर बुधवार की शाम करीब सवा छह बजे वहां से गुजर रहे भरत मंदिर इंटर कॉलेज में 11वीं के छात्र केतन (16 वर्ष) पुत्र हुकुम सिंह सैनी निवासी मायाकुंड ऋषिकेश के ऊपर दीवार गिर गई थी। छात्र की मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे में दो लोग घायल भी हुए थे। गुरुवार की सुबह छात्र के पिता हुकुम सिंह सैनी ने कोतवाली ऋषिकेश में विद्यालय के प्रधानाचार्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।
पिता ने कहा कि उनका पुत्र घटना के वक्त ट्यूशन पढ़ने जा रहा था। अचानक दीवार गिरने से वह दब गया और उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने कई बार प्रधानाचार्य को इस दीवार की मरम्मत कराने की मांग की थी। मगर, विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की। अगर, दीवार की मरम्मत हो जाती तो उनके पुत्र की मृत्यु ना होती।
प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि प्रधानाचार्य पूर्व माध्यमिक विद्यालय देहरादून रोड के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुष्कर मंदिर मार्ग पर जर्जर दीवार के गिरने से छात्र की मौत के मामले में गुरुवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। गुरुवार की सुबह गुस्साई भीड़ विद्यालय पहुंची। यहां उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य और अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोग यहीं नहीं रुके कोतवाली के पास जाम लगाकर क्षेत्रीय विधायक और महापौर के खिलाफ भी नारेबाजी की। मलबे से स्नेह लता गुप्ता (66 वर्ष) पत्नी सतपाल गुप्ता पुष्कर मंदिर मार्ग और कबाड़ का काम करने वाले कृपाल सिंह (56 वर्ष) पुत्र चेतराम निवासी शांति नगर ऋषिकेश घायल हुए थे। जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। गुरुवार की सुबह मायाकुंड स्थित छात्र के घर पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई।
भीड़ सीधे विद्यालय परिसर पहुंची। यहां प्रधानाचार्य कार्यालय का लोगों ने घेराव किया। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच महापौर अनीता ममगाई लोगों के बीच पहुंची। यहां उनकी उपस्थित लोगों से बातचीत हुई। नगर निगम महापौर जैसे ही अपने वाहन से बाहर निकली तो लोगों ने उनके वाहन को घेर लिया और आगे नहीं जाने दिया। उपस्थित लोगों ने भीड़ को समझाने की कोशिश की मगर, लोग मानने को तैयार नहीं थे। मौजूद लोगों ने क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल और महापौर अनीता ममगाई के खिलाफ नारेबाजी की। महापौर अपने वाहन से उतर कर अन्य माध्यम से वहां से गई।
मौके पर एआइसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, पार्षद विजयलक्ष्मी शर्मा, देवेंद्र प्रजापति, मनीष शर्मा, रीना शर्मा, मनीष बनवाल, कविता शाह आदि ने किसी तरह से लोगों को शांत किया। बाद में भीड़ कोतवाली पहुंची, जहां वरिष्ठ निरीक्षक ओमकांत भूषण से मिलकर छात्र के पिता की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई। गुस्साए लोग फिर विद्यालय परिसर में पहुंचे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।छात्र की मौत के मामले में जिलाधिकारी देहरादून सी रविशंकर ने घटना की रात मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी कर दिए थे। आदेश के अनुपालन में उप जिलाधिकारी प्रेमलाल, तहसीलदार रेखा आर्य गुरुवार की सुबह विद्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रधानाचार्य भीष्म सिंह राजपूत से मिलकर आवश्यक जानकारी हासिल की। उप जिलाधिकारी ने विद्यालय में अवकाश की घोषणा की। विद्यालय में शिक्षकों और बच्चों ने शोक सभा आयोजित कर मृतक के आत्मशांति की प्रार्थना की। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर के भीतर गुस्साई भीड़ ने एक शिक्षक को चांटा जड़ दिया। भीड़ जब यहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी तो प्राथमिक विद्यालय संख्या नौ के शिक्षक राजकुमार ने वहां मौजूद एक बालिका को कुछ कहा। जिस पर महिलाएं भड़क गई। एक महिला ने शिक्षक के गाल पर चांटा जड़ दिया। हालांकि शिक्षक का कहना था कि उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं की। जिला शिक्षा बेसिक अधिकारी और अन्य लोगों ने शिक्षक को किसी तरह से भीड़ के बीच से निकालकर आवासीय विद्यालय भवन के कक्ष में भेज दिया। _______________________________________________
दीवार ढहने से हुई छात्र की मौत पर सीएम ने दुख व्यक्त किया
-पीढ़ित परिवार को दो लाख की साहयता देने के दिए निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश में पुष्कर मन्दिर मार्ग स्थित राजकीय पूर्व माध्यामिक विद्यालय की दीवार ढ़हने से हुई छात्र की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इस घटना को दुखद बताते हुए दिवंगत छात्र के परिवार को दो लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही सचिव विद्यालयी शिक्षा को प्रदेश के सभी विद्यालयों के भवनों की जांच करने के निर्देश दिये है तथा जिन विद्यालयों के भवन खराब अवस्था में हो उनकी तत्काल आवश्यक मरम्मत सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुखद घटनाओं पर रोक लग सके।