उत्तराखंड के चार धामो के बीच दूरी कम करने को।लेकर खूब बयानबाजी नेताओ और न्यूज़ चैनलों में होती आयी है । किंतु जब धरातल पर काम करने की बारी आती है तो इसे हेड लाइन से हटा दिया जाता है। गंगोत्री यमनोत्री दर्शन के बाद केदारनाथ धाम दर्शन को जाने वाले यात्रियों के लिए कमद अयंरखाल कमद – बूढाकेदार होते हुए छोटा बाय पास मार्ग तलाश किया गया। फारेस्ट क्लेरेंस जैसे बड़े मुद्दे पर जंग जीतने के बाद इसके निर्माण और रखरखाव से सरकार ने हाथ खींच लिए है। सड़क निर्मन के बाद स्थानीय लोगो को पर्यटन से जुड़ने की उम्मीद बढ़ गयी थी जो सरकारों से ढुलमुल रवैए से अब धूमिल पड़ने लगीं है।
गिरीश गैरोला।
थांडी गाव के सोवन सिंह ने बताया कि उत्तरकाशी के गाजणा पट्टी के कमद, ठांडी, भाडकोट ओर ब्रह्मपुरी क्षेत्र मे सड़क संपर्क मार्ग का बुरा हाल है। बड़े जोर शोर से इस सड़क मार्ग को को चारधाम से जोडा कर केदारनाथ धाम की दूरी कम बताए जाने के विज्ञापन दिए गए थे। जिसे अब नेता अधिकारी विधायक और मंत्री सब भूल बैठे है। हालांकि हर चुनाव में फिर से यही जिन्न फिर बोटल से बाहर निकल आता है और फिर चुपचाप बोटल में बैठ जाता है।
सड़क खस्ताहाल है इस पर पैदल स्कूल जाने वाले बच्चों।के लिए भी खतरा बना हुआ है। टैक्सी सर्विस के साथ यात्री वाहन भी सड़क की बदहाली को लेकर इधर से नही गुजरना चाहते है। सड़क का एलाइनमेंट बांज बुरांस के घने जंगलों के बीच से होकर निकलता है जो यात्रियो की थकावट दूर करने वाला है। सड़क मार्ग को घने जंगल की चलते फ़ॉरेस्ट क्लेरेंस मिलने में भी खूब पापड़ बेलने पड़े। अब लगता है बड़ी जंग जीतने के बाद छोटी जंग में नेता और अधिकारी उलझ गए है। सोवन सिंह ने बताया कि वे खुद रोजगार के लिए घर से बाहर चंडीगढ़ में काम करते है। इलाके के जो लोग रोजगार के लिए अपने घर परिवार से दूर गए है वे लोग फोन पर भी अपने अपनो से बातचीत नही कर पा रहे है। हालांकि इलाके में दो मोबाइल टावर खड़े जरूर किये गए है पर वे किसी शो पीस से कम नही है।