रुद्रप्रयाग। रौठिया-जवाड़ी निर्माणाधीन पेयजल योजना का जिलाधिकारी मंगेश घिल्ड़ियाल ने दरमोला व मेदनपुर में पेयजल टैंकों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही योजना में उपयोग हो रहे पाइप की गुणवत्ता एवं अन्य निर्माण सामग्री की जांच भी की। मौके पर उपस्थित जल निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि पूरी योजना में 22 टैंकों का निर्माण होना है, जिसमें 17 टैंकों पर निर्माण कार्य चल रहा है। साथ ही लाइन का डिस्ट्रीब्यूशन कार्य अंतिम चरण में हैं। मार्च 2020 तक योजना का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जायेगा।
गिरीश गैरोला
दरअसल, भरदार क्षेत्र में पानी की किल्लत को देखते हुए रौठिया-जवाडी पयेजल योजना 2006-07 में स्वीकृत हुयी थी। वर्ष 2012-2017 तक इस योजना को शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए शासन से 12 करोड 90 लाख की धनराशि स्वीकृत हुए और 2018 से पुनः फिर से इस योजना का कार्य प्रांरभ हुआ। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना में शामिल दरमोला व मेदनपुर गाँव में निर्माणधीन टैंकों का निरीक्षण सहित पेयजल योजना में उपयोग हो रहे पाइप की क्वालिटी की जांच की। साथ डीएम पेयजल टैंक में उपयोग हो रही निर्माण सामग्री की भी जांच से संतुष्ट दिखे।
जल निगम के अधिशासी अभियंता नवल कुमार ने बताया कि रौठिया-जवाडी पेयजल योजना के फेस-वन के लिए नाबार्ड से 12 करोड़ में नौ करोड़ रूपए का बजट अवमुक्त हो चुका है। योजना में कुल 20 टैंकों में 12 टैंकों पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। बताया कि पेयजल स्त्रोत लस्तर गाड़ से 50 किमी मुख्य पेयजल लाइन का निर्माण कार्य घेंघडखाल तक पूरा हो चुका है, लेकिन पैंताल-त्यूंखर सड़क की कटिंग के चलते योजना की दो किमी लाइन क्षतिग्रस्त हो रही है।
इस संबंध में वन विभाग से वार्ता चल रही है। निगम की ओर से 35 किमी लाइन पर लौंगा तक पानी का टेस्टिंग की गई थी। इसके अलावा भरदार क्षेत्र के 52 बस्तियों में सौ किमी वितरण लाइन बिछाई जा चुकी है। बताया कि मार्च माह 2020 तक इस योजना की पूर्ण होने की संभावना है। योजना के संचालन से दर्जनों गांवों की प्यास बुझ जायेगी। इस अवसर पर उप जिला अधिकारी बृजेश तिवारी, अधिशासी अभियंता जल निगम नवल कुमार, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संजय सिंह, सहायक अभियंता जल निगम अरविंद शाह, सहायक अभियंता जल संस्थान रेवत सिंह रावत सहित ग्रामीण मौजूद थे।