ढाई करोड़ गए पानी पीने टिहरी झील में

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उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद एकमात्र पर्यटन और हाइड्रो प्रोजेक्ट से आर्थिक स्थिति सुधरने की उम्मीद भी अब प्रदेश में दम तोड़ने लगी है प्राकृतिक नदी नालों झील तालाब के साथ विश्व स्तर की टिहरी झील में पर्यटन के सपने भी अब धुंधले पढ़ने लगे हैं दरअसल राजधानी को लेकर सबका ध्यान मैदानी क्षेत्रों की तरफ ही सीमित होकर रह गया है टिहरी झील में करोड़ों की लागत का फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का इस तरह से  पानी में डूबना इसका एक छोटा सा उदाहरण है।

अमनदीप भट्ट टिहरी गढ़वाल।


42 वर्ग किलोमीटर में फैली टिहरी डैम की झील में ऐतिहासिक उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट बैठक की गवाह बनी लगभग ढाई करोड़ की लागत का तैरता रेस्तरां फ्लोटिंग मरीना टिहरी झील में डूब गया। टिहरी झील प्रधिकारण और पर्यटन विभाग की लापरवाही के कारण 2015 में बनकर तैयार हुआ मरीन संचालन न होने के कारण बदहाल स्तिथि में जंग खा रहा था। पिछले साल मरीन में कैबिनेट हुई थी। पर्यटन विभाग ने 2015 में इस फ्लोटिंग मरीना का निर्माण कराया था। सोच यह थी कि टिहरी झील के दीदार को आने वाले पर्यटकों को रोमांच का अहसास कराएगा और वह तैरते रेस्तरां में लजीज खाने का लुत्फ उठा सकेंगे। लेकिन, फ्लोटिंग मरीना की कवायद ट्रायल से आगे नहीं बढ़ पाई और वह टिहरी झील में खड़े—खड़े लहरों के थपेड़े खाता रहा। झील के जलस्तर में उतार—चढ़ाव के चलते पिछले साल मरीना एक पहाड़ी पर अटक गया था।

लगभग ढाई करोड की मरीना रेस्टोरेंट बोट मुम्बई से आये कारीगारो ने बना कर तैयार की थी, उसके बाद 28 नवम्बर 2015 को कोटी कालोनी में केन्द्र सरकार के पर्यटन मंत्री महेश शर्मा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ओर उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ओर टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह के द्धारा उद्धघाटन किया गया। लेकिन यह ढाई करोड की मरीना रेस्टोरेंट बार्ज बोट सिर्फ उद्धघाटन तक ही सीमित रह गई।

 

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