देहरादून। उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय ‘‘जल संरक्षण एवं जल गुणवत्ता’’ प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रशिक्षणार्थियों को राजपुर रोड़ स्थित उत्तराखण्ड जल संस्थान के वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट का भ्रमण कराया गया, जिसमें यूसर्क के वैज्ञानिकों एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान की तकनीकी टीम द्वारा विस्तृत रूप से प्लांट में साफ किये जा रहे पेयजल की विभिन्न प्रक्रियाओं को वैज्ञानिक ढंग से समझाया गया। संस्थान परिसर में श्री फतेह सिंह नेगी ने प्लांट से सम्बन्धित सभी कार्यों को बारीकी से बताते हुये पेयजल उपलब्धता एवं आपूर्ति विषयक सभी प्रश्नों का समाधान भी किया। तत्पश्चात संस्थान परिसर में जलगुणवत्ता प्रयोगशाला में हो रहे अध्ययन को भी विशेषज्ञों द्वारा बताया गया। भ्रमण के द्वितीय चरण में सभी प्रशिक्षणार्थियों को शुक्लापुर स्थित हैस्को परिसर का भ्रमण कराया गया। हैस्को के भूवैज्ञानिक विनोद खाती ने व्याख्यान के माध्यम से हैस्को द्वारा किये जा रहे जल संरक्षण एवं भूजल रिचार्ज कार्यों को विस्तारपूर्वक समझाया। श्री खाती ने राज्य में एवं अन्य जगहों पर रिचार्ज किये गये जलस्रोतों की अपनायी गयी विभिन्न कार्यविधियों को बताते हुये विभिन्न प्रश्नों का समाधान भी प्रस्तुत किया। इसके पश्चात हैस्को स्थित आसन नदी की सहायक नदी, जिसे हैस्को नदी कहा गया है, का उद्गम से हैस्को तक पुनर्जीवित करने के कार्यों को नदी के किनारे ले जाकर समझाया गया। हैस्को द्वारा संचालित किये जा रहे पर्यावरण संरक्षण कार्यों को बताते हुये पूर्ण परिसर का भ्रमण कराया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 सुभाष नौटियाल ने विभिन्न जैविक उत्पादों, औषधीय पौधों की कृषि आदि विषयों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। तत्पश्चात यूसर्क के बसंत विहार स्थित सभागार में यूसर्क द्वारा किये जा रहे सभी वैज्ञानिक कार्यों को दिखाया गया। कार्यक्रम में ग्राफिक ऐरा पर्वतीय विश्वविद्यालय देहरादून, डी0ए0वी0 महाविद्यालय देहरादून के कुल 25 विद्यार्थियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है। कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डा0 भवतोष शर्मा, डा0 ओ0पी0 नौटियाल, अनुराधा ध्यानी, डा0 दीपक खोलिया, डा0 किरन रावत, डा0 हिमानी पुरोहित, उमेश चन्द्र, विक्रान्त पठानिया, डा0 विकास कंडारी द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया।