नगर निगम शर्म करो , जेब पर हमारी रहम करो।

Share Now

सिटी बस पास के बढ़े हुये किराये के खिलाफ युवाओं का शंखनाद

शहरी विकास मंत्री जयवर्धन सिंह को सौंपा ज्ञापन, मिला आश्वासन

बारिश में भीगते हुए हाथों में तख्तियां लेकर छात्रों ने किया विरोध

अंकित तिवारी

भोपाल/ नगर निगम शर्म करो, जेब पे हमारे रहम करो| नगर निगम होश में आओ, होश में आकर बात करो| होश में तुमको आना होगा, बस पास का किराया घटाना होगा| इन गगनभेदी नारों के बीच शहर के छात्र-छात्राओं ने आज बोर्ड आफिस चौराहे पर छात्र-छात्राओं के लिए सिटी बस पास की बढ़ी हुई दरों के खिलाफ प्रदर्शन किया| युवाओं ने बारिश में भीगते हुए हाथों में तख्तियां लेकर अपना विरोध जताया| इसके पहले छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधिमंडल ने शहरी विकास मंत्री जयवर्धन सिंह को ज्ञापन सौंपा| इस पर श्री सिंह ने निग्मायुक्त्त से बातचीत कर छात्र-छात्राओं को आश्वास्त किया कि जल्द ही बढ़ी हुई दरो को वापस लिया जाएगा|

ज्ञात हो कि सिटी बस के मासिक पास का किराया जनवरी 2019 के पहले तक 200 रुपये था| जनवरी M में इसे बढ़ाकर 300 रूपये और हाल ही में अगस्त माह में इसे 500 रुपये कर दिया गयाI ज्ञात हो कि इंदौर, उज्जैन, जबलपुर किसी भी शहर में यह शुल्क इतना अधिक नहीं है| यह भी उल्लेखनीय है कि हमारे शहर भोपाल में नगर निगम के कर्मचारियों के लिए मासिक शुल्क 200 रुपये ही हैI यानी आय अर्जित करने वाले व्यक्ति का बस पास शुल्क 200 रुपये और पालकों/अभिभावकों पर निर्भर छात्रों का शुल्क 500 रुपये है|

बोर्ड आफिस चौराहे पर हुए प्रदर्शन में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के छात्र रजनीश कुमार ने कहा कि भोपाल में पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न कोने-कोने से, अलग-अलग आर्थिक वर्ग के विद्यार्थी आकर अध्ययन करते हैं हैं| इन सभी छात्रों को  विद्यालय, महाविद्यालय, छात्रावास, एवं अन्य स्थानों पर, जहां जाना छात्रों की आवश्यकता होती है, जाने हेतु बीसीएलएल द्वारा संचालित बस एक उत्तम, सहज एवं छात्रों की जेब के हिसाब से मितव्ययई माध्यम रही हैI जो कि आज प्रशासनिक नीति एवं नियमों में अकस्मात परिवर्तन की वजह से अब मितव्ययई नहीं रह गई हैं|

मेनिट की छात्रा हर्षिता ने कहा कि भोपाल शहर अतिविशाल है जहाँ कई महाविद्यालय शहर से दूर हैं| कई कालेजों में स्वपरिहन के साधन नहीं हैं, या हैं तो फिर उनका शुल्क इतना अधिक है कि विद्यार्थी अतिरिक्त भार न उठा पाने के कारण माय बस का प्रयोग करने को प्राथमिकता देते हैं, किन्तु उन्ही विद्यार्थियों को यह जानकर अत्यंत निराशा हुई कि वो स्वयं प्रशासन की प्राथमिकता सूची से धीरे-धीरे बाहर होते जा रहे हैं|

पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के छात्र ऋषभ शर्मा ने कहा कि सिटी बस का यह बढ़ा हुआ किराया किसी भी प्रकार से न तो तर्कसंगत है और न ही न्यायसंगत| उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह छात्र-छात्राओं के हितों को ध्यान में रखकर निर्णय ले|

एम्एलबी कालेज की नुपुर सोंधिया ने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि युवा कहाँ से यह किराया देंगे| वहीं सत्य साईं कालेज की दीपाली जावरे ने कहा कि सरकार को पास की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेना ही होगा नहीं तो यह आन्दोलन और उग्र होगा| प्रशासन का कार्य लोगो को आत्मनिर्भर बनाना होना चाहिये न कि  उनकी निर्भरता को और अधिक बढ़ाना है|

एमव्हीएम् कालेज की अस्मा खान ने कहा कि महापौर महोदय को यह नहीं भूलना चाहिए कि छात्र-छात्राओं ने ही आपको शहर का प्रथम नागरिक बनाया है और आप उन्हीं छात्र-छात्राओं के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं| उन्होंने दोहराया कि शहरी विकास मंत्री महोदय श्री सिंह ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही दरें वापस होंगी| यदि एसा नहीं होता है तो हमारे द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जाएगा|

error: Content is protected !!